Saturday, December 27, 2025

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दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति की पहल: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 20 दिन बाद युद्धविराम, संघर्ष में अब तक 101 लोगों ने गंवाई जान

बैंकॉक/नोम पेन्ह: दक्षिण-पूर्व एशिया के दो प्रमुख देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले 20 दिनों से सीमा विवाद को लेकर चल रहा भीषण सैन्य संघर्ष फिलहाल थम गया है। दोनों देशों की सेनाओं ने अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारी जान-माल के नुकसान के बाद सीजफायर (युद्धविराम) पर सहमति जताई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस खूनी संघर्ष में अब तक दोनों पक्षों के कुल 101 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिक भी शामिल हैं।

संघर्ष की जड़: सीमा और प्राचीन मंदिर का विवाद

दोनों देशों के बीच इस युद्ध की मुख्य वजह सीमा पर स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर ‘प्रिह विहियर’ (Preah Vihear) के आसपास की जमीन पर दावा रहा है।

  • ऐतिहासिक विवाद: 11वीं शताब्दी का यह मंदिर दोनों देशों की भावनाओं से जुड़ा है, लेकिन इसके आसपास की 4.6 वर्ग किलोमीटर जमीन पर मालिकाना हक को लेकर दशकों से तनातनी चल रही है।
  • ताजा हिंसा: पिछले 20 दिनों में यह विवाद तब युद्ध में बदल गया जब दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे पर भारी गोलाबारी और रॉकेट हमले शुरू कर दिए।

20 दिनों की तबाही का मंजर

इस संक्षिप्त लेकिन तीव्र युद्ध ने सीमावर्ती इलाकों में भारी तबाही मचाई है:

  1. हताहतों की संख्या: 101 मौतों के अलावा, 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
  2. पलायन: सीमा के दोनों ओर से लगभग 1 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
  3. संपत्ति का नुकसान: गोलाबारी के कारण दर्जनों गांव खंडहर में तब्दील हो गए हैं और कई स्कूलों व सामुदायिक केंद्रों को भारी नुकसान पहुँचा है।

कैसे हुआ युद्धविराम?

संयुक्त राष्ट्र (UN) और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के निरंतर हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के सैन्य कमांडर बातचीत की मेज पर आने को राजी हुए।

  • सहमति के बिंदु: दोनों पक्षों ने भारी हथियारों को पीछे हटाने और विवादित क्षेत्र में यथास्थिति (Status Quo) बनाए रखने पर सहमति जताई है।
  • स्थानीय कमांडरों की बैठक: सीमा पर दोनों देशों के क्षेत्रीय कमांडरों ने हाथ मिलाकर सैनिकों को गोलीबारी रोकने के निर्देश जारी किए।

आगे की राह और चुनौतियां

हालांकि युद्धविराम लागू हो गया है, लेकिन शांति कितनी स्थायी होगी, इसे लेकर विशेषज्ञों में संदेह है।

राजनयिकों का मानना है: “सीजफायर केवल एक तात्कालिक राहत है। जब तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के दिशा-निर्देशों के तहत सीमा का स्थायी सीमांकन नहीं होता, तब तक तनाव की चिंगारी फिर से भड़क सकती है।”

थाईलैंड और कंबोडिया की सरकारों ने अब विस्थापित हुए नागरिकों को उनके घरों तक वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती युद्धग्रस्त क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को फिर से बहाल करना है।

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