थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी सैन्य झड़पें दूसरे दिन भी नहीं थमीं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि दोनों देश युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 14 आम नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
हिंसा की शुरुआत बुधवार को हुई, जब सीमा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिक घायल हो गए। इस घटना के बाद तनाव तेजी से बढ़ा और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं।
अस्पताल और नागरिकों पर हमले का आरोप
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री सोमसाक ने कंबोडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कंबोडियाई सेना ने आम नागरिकों और एक अस्पताल को निशाना बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कड़े शब्दों में कंबोडिया से संघर्ष रोकने और अमन की राह पर लौटने की अपील की है।
पलायन और मानवीय संकट
थाई अधिकारियों के मुताबिक, इस दशक की सबसे भीषण सीमा झड़पों के कारण अब तक 1 लाख से अधिक लोग सीमावर्ती गांवों से पलायन कर चुके हैं। यह स्थिति न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए मानवीय संकट का संकेत बनती जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मैनेट के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद शुक्रवार को इस मुद्दे पर आपात बैठक आयोजित करने जा रही है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, बैठक में दोनों देशों के बीच जारी तनाव और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चर्चा होगी।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने और तुरंत संघर्ष समाप्त करने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांति और बातचीत ही एकमात्र रास्ता है जिससे क्षेत्र में स्थिरता लाई जा सकती है।
पृष्ठभूमि:
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है। ऐतिहासिक रूप से प्रेह विहार मंदिर क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। समय-समय पर तनाव की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन इस बार हिंसा का स्तर और मानव क्षति पहले से कहीं ज्यादा गंभीर नजर आ रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर टिकी हैं। यूएन की आपात बैठक से कूटनीतिक समाधान की उम्मीद की जा रही है, ताकि एक और दक्षिण एशियाई संघर्ष की आग को समय रहते बुझाया जा सके।