Monday, July 28, 2025

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थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष को सुलझाना बताया ‘आसान’, अमेरिका के दबाव की रणनीति जारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर पुराना दावा दोहराया है। उन्होंने कहा कि जैसे उन्होंने भारत-पाकिस्तान और सर्बिया-कोसोवो के बीच विवाद सुलझाया, वैसे ही वह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भी युद्धविराम कराना चाहते हैं।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ एक बैठक के दौरान मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा,

“हम थाईलैंड और कंबोडिया के साथ व्यापार करते हैं। लेकिन अब वे आपस में लड़ रहे हैं। मुझे लगता है यह विवाद सुलझाना आसान होगा, क्योंकि मैंने पहले भारत-पाकिस्तान जैसे देशों के बीच भी समझौता कराया है।”

विरोधाभास और वास्तविकता में फर्क

दिलचस्प बात यह रही कि ट्रंप द्वारा युद्धविराम की घोषणा किए जाने के कुछ ही घंटों बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर तोपों से हमले के आरोप लगाए।

  • शनिवार रात ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से फोन पर बातचीत की थी और सीमा विवाद खत्म करने के लिए बातचीत की सहमति जताई गई थी।
  • लेकिन रविवार को ही दोनों पक्षों के बीच दोबारा गोलाबारी हुई।

भारत-पाकिस्तान पर ट्रंप के पुराने दावे

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया हो।

  • इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘मध्यस्थ’ बनने को कहा, जिसे भारत सरकार ने तत्काल खंडन किया था।
  • भारत की स्पष्ट नीति है कि भारत-पाकिस्तान के मुद्दे द्विपक्षीय हैं, और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

थाईलैंड-कंबोडिया विवाद: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद 19वीं सदी के फ्रांसीसी उपनिवेश काल से जुड़ा है, जब पहली बार सीमा निर्धारण किया गया था। वर्तमान में दोनों देशों के बीच प्रेह विहेयर और ता मोआन थॉम मंदिर क्षेत्रों को लेकर सैन्य तनाव बना हुआ है।

ट्रंप की रणनीति: व्यापारिक दबाव से कूटनीति

ट्रंप ने यह भी कहा कि वह दोनों देशों पर व्यापार का दबाव बना रहे हैं ताकि वे युद्धविराम पर मजबूर हों

“हम व्यापारिक संबंधों का उपयोग कर रहे हैं ताकि वे लड़ाई रोकें।”

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