उत्तरकाशी जिले में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान ड्यूटी में तैनात 3395 कर्मचारियों को इस बार अपने मताधिकार से वंचित रहना पड़ेगा। निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर लगे कर्मियों को मतदान के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था या गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
पोस्टल बैलेट की व्यवस्था नहीं
• unlike लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों में जहां मतदान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान का अधिकार दिया जाता है, पंचायत चुनाव में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
• इससे हजारों कर्मचारियों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने से रोका जा रहा है, जिसे लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने गंभीर आपत्ति जताई है।
शिक्षक संघ और संगठनों ने उठाई आवाज
• राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अतोल महर ने कहा:
“अधिकांश शिक्षक और कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता हैं।
मतदान के दिन वे अपने गांवों से दूर ड्यूटी में लगे होंगे,
ऐसे में उन्हें वोट डालने से वंचित करना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।”
• अन्य संगठनों ने भी यह मुद्दा उठाया है कि जिन गांवों में कर्मचारियों की संख्या अधिक है, वहां के मतदान प्रतिशत पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रशासनिक स्थिति
• चुनावी ड्यूटी में लगे हैं:
o 3395 मतदानकर्मी
o 20 जोनल मजिस्ट्रेट
o 76 सेक्टर मजिस्ट्रेट
o 50 प्रभारी अधिकारी
• मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) एस.एल. सेमवाल का बयान:
“पंचायत चुनाव में मतदान ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों के लिए
मताधिकार संबंधी निर्वाचन आयोग की कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है।”