Thursday, October 23, 2025

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तेजस मार्क-1ए की पहली उड़ान आज, देश देखेगा स्वदेशी ताकत का नया आयाम

भारत की रक्षा क्षमता में आज एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर जुड़ने जा रहा है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित अत्याधुनिक तेजस मार्क-1ए (Tejas Mark-1A) लड़ाकू विमान आज अपनी पहली उड़ान भरेगा। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्वयं मौजूद रहेंगे।
तेजस मार्क-1ए भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया पूरी तरह स्वदेशी मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और निर्मित किया है। इसकी पहली उड़ान को लेकर रक्षा प्रतिष्ठानों और वैज्ञानिकों में उत्साह का माहौल है।
उन्नत तकनीक और स्वदेशी नवाचार का संगम
तेजस मार्क-1ए, पहले संस्करण की तुलना में कई अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एयर-टू-एयर रीफ्यूलिंग क्षमता, और बेहतर रडार एवियोनिक्स सिस्टम शामिल किए गए हैं। साथ ही, यह विमान अब पहले की तुलना में अधिक रेंज, फुर्ती और सटीकता के साथ मिशन को अंजाम देने में सक्षम होगा।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, तेजस मार्क-1ए को विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह विमान भारत को “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” मिशन की दिशा में एक बड़ा बल देगा।
83 विमानों का ऑर्डर, 2024 से डिलीवरी
भारतीय वायुसेना ने तेजस मार्क-1ए के 83 विमानों का ऑर्डर एचएएल को दिया है। इन विमानों की डिलीवरी 2024 के अंत से शुरू होकर 2029 तक चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹48,000 करोड़ आंकी गई है।
एचएएल अधिकारियों ने बताया कि तेजस मार्क-1ए का यह संस्करण वायुसेना की मौजूदा जरूरतों के साथ-साथ भविष्य के खतरों से निपटने की पूरी क्षमता रखता है। यह न केवल युद्धक मोर्चे पर मजबूत साबित होगा, बल्कि भारत के रक्षा निर्यात क्षेत्र को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
राजनाथ सिंह की मौजूदगी में होगा ऐतिहासिक क्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तेजस मार्क-1ए की पहली उड़ान भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह न केवल एक विमान की उड़ान है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को उड़ान देने वाला क्षण है।”
तेजस मार्क-1ए की पहली उड़ान के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जो अपनी आधुनिक लड़ाकू विमान तकनीक खुद विकसित और संचालित करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस मार्क-1ए की सफलता भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता, निर्यात क्षमता और रणनीतिक आत्मनिर्भरता को एक नई दिशा देगी।

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