पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कथित सैन्य कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक विरोध को दबाने के लिए सेना का इस्तेमाल करना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि पूरी तरह से अलोकतांत्रिक भी है।
ममता बनर्जी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्ष की आवाज को कुचलने के लिए ऐसी कार्रवाई देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन अचानक उन पर कठोर कदम उठाए गए।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर किस संवैधानिक प्रावधान के तहत विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए सैन्य हस्तक्षेप किया गया। उन्होंने कहा, “आवाज उठाना जनता का अधिकार है और यदि सरकार इसे दबाने के लिए सेना बुलाती है, तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या है।”
उन्होंने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस जनता की आवाज उठाती रहेगी और किसी भी सख्त कार्रवाई से डरने वाली नहीं है। उन्होंने राज्य के सभी विपक्षी दलों से भी अपील की कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर सामने आएं।
उधर, इस मामले पर भाजपा नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रही है।
तृणमूल विरोध पर सैन्य कार्रवाई अलोकतांत्रिक’ – ममता बनर्जी का गंभीर आरोप
