Sunday, September 8, 2024

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तुर्किये और भारत के संबंध होंगे मजबूत

लाओस की राजधानी वियांग चान में चल रही दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन  (ASEAN) की बैठक में पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए संगठन से जुड़े देशों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं। शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्किये के विदेश मंत्री हकान फिदान के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधो, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।  ASEAN की बैठक से अलग दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि तुर्किये के विदेश मंत्री हकान फिदान से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इससे पहले शुक्रवार को जयशंकर ने रूस, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, लाओस, ब्रूनेई और न्यूजीलैंड के नेताओं से मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की थी।  लाओस में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को रूस, दक्षिण कोरिया,  ब्रुनेई, न्यूजीलैंड और लाओस के अन्य नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान सभी नेताओं ने शिक्षा और कृषि प्रौद्योगिकी समेत द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर चर्चा की। वहीं इस मुलाकात को लेकर रूसी विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने #आसियान कार्यक्रमों के दौरान मुलाकात की।  दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो टे-युल से मुलाकात के दौरान एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री से विशेष रणनीतिक साझेदारी पर व्यापक बातचीत हु्ई। हमारी साझेदारी भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खोलेगी। इसके अलावा यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उपाध्यक्ष के जोसेफ बोरेल से मुलाकात के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ व्यापारिक साझेदारी, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन बढ़ाने के लिए बात की। भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को मजबूत करने के लिए यूरोप का उन्होंने धन्यवाद जताया।

इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने सबसे प्रिय दोस्त सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णनन से मुलाकात की। एस जयशंकर ने कहा कि पिछले तीन साल में भारत और एसियान के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए समन्वयक की भूमिका निभाने पर सिंगापुर का धन्यवाद। हमने द्विपक्षीय संबंधों के लिए नया एजेंडा तैयार करने पर बात की। साथ ही वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर उनके विचारों की सराहना की।

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