देहरादून: उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली की स्मृति में दिए जाने वाले तीलू रौतेली पुरस्कार से इस वर्ष 13 साहसी और प्रतिभावान महिलाओं को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आयोजित समारोह में इन महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार प्रदान किए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की मातृ शक्ति ने हमेशा समाज और राज्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। चाहे राज्य आंदोलन का संघर्ष हो या फिर पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में परिवार और समाज को संभालने की जिम्मेदारी, महिलाओं ने हर मोर्चे पर अपनी ताकत और नेतृत्व का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं शिक्षा, खेल, विज्ञान, सामाजिक सेवा और उद्यमिता जैसे सभी क्षेत्रों में नए कीर्तिमान रच रही हैं।
सीएम धामी ने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार केवल सम्मान नहीं है, बल्कि यह नई पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरित करने का एक माध्यम भी है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि राज्य की हर बेटी आत्मनिर्भर बने और हर महिला अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर सके। मातृ शक्ति राज्य की सामाजिक और आर्थिक क्रांति की वाहक बन रही है।”
इस अवसर पर सम्मानित हुईं महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों और अनुभव साझा किए। किसी ने खेलकूद में राज्य का नाम रोशन किया तो किसी ने सामाजिक सेवा और स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
कार्यक्रम में मंत्री, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे। समारोह के दौरान तीलू रौतेली के शौर्य और बलिदान का स्मरण किया गया और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया।
तीलू रौतेली पुरस्कार उत्तराखंड सरकार द्वारा हर वर्ष उन महिलाओं को दिया जाता है, जिन्होंने साहस, नेतृत्व और समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई हो। यह सम्मान राज्य की बेटियों और महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है।