Monday, June 30, 2025

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तीनों सेनाओं के संयुक्त कमान गठन की आगे बढ़ी राह, किसी भी ऑपरेशन के लिए समन्वय होगा मजबूत

सरकार ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के साथ आपरेशन संचालन को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अंतर सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के तहत तैयार किए गए नियमों को लागू कर दिया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच इन नियमों को लागू करने की अधिसूचना 27 मई को जारी की गई। रक्षा मंत्रालय ने इसे तीनों सेनाओं को संयुक्त कमान के अधीन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस कदम का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आइएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को मजबूत करना है।

साथ ही इससे तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता और ऑपरेशन के लिए समन्वय मजबूत होगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अधिनियम आइएसओ के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन सेवारत सेवा कर्मियों पर कमान और नियंत्रण रखने का अधिकार देता है।

इससे तीनों सेनाओं के संगठनों के भीतर अनुशासन और प्रशासन का प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित किया जा सकेगा। खास बात यह है कि तीनों सेनाओं की अलग-अलग शाखा पर लागू विशिष्ट सेवा शर्तों में बदलाव किए बिना यह नियम बनाया गया है।

मालूम हो कि सेना, नौसेना और वायु सेना में संयुक्त थिएटर कमांड प्रणाली लागू करने की दिशा में पिछले कुछ वर्षों से काम हो रहा है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का गठन कर 2019 में इसकी शुरुआत की गई। संयुक्त कमान के तहत तीनों सेनाओं के सैन्य बल एक ही कमांडर के अधीन मिलकर काम करना शुरू करेंगे।

संयुक्त कमान के गठन को आगे बढ़ाने की कानूनी प्रक्रिया को सहज करने के लिए अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक 2023 में पारित हुआ था। इस तरह करीब दो साल बाद 27 मई को इसे प्रभावी करने की अधिसूचना जारी हुई है।

नए नियमों का उद्देश्य कानून में निर्धारित प्रविधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुगम बनाना है। वे आइएसओ के कामकाज के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक हैं और अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और परिचालन तालमेल के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करते हैं।

इससे आइएसओ के प्रमुखों को अधिकार प्राप्त होंगे, अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटारा संभव होगा और कार्यवाही के दोहराव से बचने में मदद मिलेगी।

अधिसूचना में कहा गया है कि ये नियम उन सभी कर्मियों पर लागू होंगे, जो सेना अधिनियम, 1950, नौसेना अधिनियम, 1957 और वायु सेना अधिनियम, 1955 के अधीन हैं। इसका उद्देश्य सैन्य बलों के बीच कमांड संरचनाओं और अनुशासनात्मक तंत्रों को सुव्यवस्थित करना है।

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