पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे फिलहाल अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोई भी फैसला देश के हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। पाकिस्तान का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है, जब एक दिन पहले ही रूस ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने का एलान कर दिया है। रूस के फैसले के बाद क्षेत्र के अन्य देश भी इस पर विचार कर सकते हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि रूस का तालिबान को मान्यता देने का फैसला उनके लिए चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि रूस बीते कुछ समय से ऐसे संकेत दे रहा था कि वह तालिबान शासन को मान्यता दे सकते हैं। रूस का मानना है कि अफगानिस्तान में अब तालिबान का शासन है और इस बात को स्वीकार करने के अलावा कोई और चारा नहीं है। रूस की सरकार का मानना है कि तालिबान सरकार से बातचीत से आतंकी खतरे से निपटने में मदद मिलेगी और साथ ही भू-रणनीतिक हितों में भी फायदा होगा। तालिबान को मान्यता देने के सवाल पर पाकिस्तान ने कहा कि ‘हम बेशक अपने हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेंगे और हमें इस बारे में कोई जल्दी नहीं है।’ हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगर अन्य क्षेत्रीय देश तालिबान को मान्यता देने पर विचार करते हैं तो पाकिस्तान की सरकार भी व्यवहारिक रुख अपना सकती है। पाकिस्तान की सरकार ने तालिबान को फिलहाल मान्यता देने से भले ही इनकार कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान,तालिबान के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को बेहतर करने में जुटा है। बीते महीने ही पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई है, जिसमें पाकिस्तान और तालिबान ने राजनयिक रिश्तों को मजबूत करने पर सहमति जताई।