नई दिल्ली: सीमा पर लगातार बढ़ते ड्रोन हमलों और घुसपैठ की कोशिशों को देखते हुए भारतीय सेना अब और अधिक सतर्क हो गई है। सेना ने ड्रोन निगरानी और सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए एडवांस रडार सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से सीमा पार से आने वाले किसी भी ड्रोन या संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लगाया जा सकेगा और उसे नाकाम किया जा सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में सीमा से सटे क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए हथियार, मादक पदार्थ और गोला-बारूद गिराने के कई मामले सामने आए हैं। यही कारण है कि सेना ने सीमा सुरक्षा को तकनीकी रूप से और मजबूत करने का निर्णय लिया है। एडवांस रडार सिस्टम के जरिए बेहद छोटे आकार और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन की भी सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि नए रडार सिस्टम को सीमा के संवेदनशील इलाकों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही सेना की क्विक रेस्पॉन्स टीमों को भी हाई-टेक उपकरणों से लैस किया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सीमा सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नई तकनीक से लैस होकर हम सुनिश्चित करेंगे कि दुश्मन का कोई भी ड्रोन भारतीय सीमा में प्रवेश न कर सके। आने वाले दिनों में निगरानी और भी सख्त होगी।”
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से पंजाब और जम्मू-कश्मीर के इलाकों में ड्रोन गतिविधियां बढ़ी हैं। कई बार इनके जरिए हथियार और नशीला पदार्थ गिराए गए हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जा सकता है। अब आधुनिक रडार सिस्टम लगने से इन घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने में मदद मिलेगी।