अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान सोमवार को उस वक्त चर्चा में आ गया, जिसमें वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कह रहे हैं, ‘मुझे लगता है कि वह समझौता करना चाहते हैं…’ यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की उम्मीदें अचानक बढ़ गई हैं। लेकिन क्या शांति वास्तव में कायम हो पाएगी या यह भी केवल शोर साबित होगा, यह आने वाले हफ्तों में साफ हो जाएगा। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से कहा कि वे अपने सबसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आमने-सामने बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जंग को खत्म करने के लिए सीधा रास्ता खोजा जाए।इस बैठक के बाद मॉस्को से आई खबरों के मुताबिक, क्रेमलिन के एक शीर्ष सहयोगी ने कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन सीधी बातचीत के विचार के लिए खुले हैं। इसका मतलब है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय बाद सीधा संवाद संभव हो सकता है।
जंग रोकने के लिए ट्रंप की कूटनीतिक पहल
पिछले हफ्ते अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात हुई थी। उसके बाद ट्रंप ने यूरोप के सात बड़े नेताओं को वॉशिंगटन बुलाया। जिसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और नाटो महासचिव मार्क रुटे शामिल थे। इस दौरान सभी नेताओं ने मिलकर कीव की सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा- ‘हर कोई रूस-यूक्रेन शांति की संभावना को लेकर खुश है।’
तीन साल से ज्यादा वक्त से रूस-यूक्रेन में जंग
करीब तीन साल से ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध अब एक तरह के ठहराव पर है। रूस ने कुछ हिस्सों में हाल ही में बढ़त बनाई है, लेकिन बड़े पैमाने पर स्थिति वैसी ही बनीं हुई है। अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।