वॉशिंगटन/नई दिल्ली।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों को सख्त चेतावनी दी है, जो अमेरिकी डिजिटल सेवा प्रदाताओं पर टैक्स लगाते हैं। ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि यदि इस तरह के टैक्स या नियम वापस नहीं लिए गए तो अमेरिका उन देशों के निर्यात पर भारी टैरिफ लगाएगा और साथ ही अमेरिकी तकनीक व चिप्स के निर्यात पर भी रोक लगा सकता है।
डिजिटल टैक्स का मामला मुख्य रूप से यूरोप से जुड़ा है, जहां कई देशों ने गूगल, फेसबुक, अमेज़न और एपल जैसी अमेरिकी कंपनियों के राजस्व पर अतिरिक्त कर लगाया है। ट्रंप ने इसे “अमेरिकी तकनीक के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम” बताते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा—“मैं उन सभी देशों को चेतावनी देता हूं जो डिजिटल टैक्स या संबंधित कानून लागू कर रहे हैं। यदि ये नहीं हटाए गए तो अमेरिका अतिरिक्त टैरिफ के साथ कड़े कदम उठाएगा।”
यूरोपीय संघ पर प्रतिबंध की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन यूरोपीय संघ अथवा उसके सदस्य देशों के उन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा है, जो डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) को लागू करने में भूमिका निभा रहे हैं। यह एक्ट अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों पर अतिरिक्त निगरानी और नियामक बोझ डालता है।
भारत ने हटाया डिजिटल टैक्स
भारत ने इस मसले पर पहले ही पहल करते हुए घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2025 से ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6 प्रतिशत इक्विलाइजेशन लेवी (डिजिटल टैक्स) को समाप्त कर दिया जाएगा। इस कदम से गूगल, मेटा और अमेज़न जैसी अमेरिकी कंपनियों को राहत मिलने की संभावना है। भारत का मानना है कि इससे अमेरिका की ओर से संभावित टैरिफ कार्रवाई से बचा जा सकेगा।
500 अरब डॉलर का राजस्व
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने दावा किया है कि ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ से अमेरिका का सीमा शुल्क राजस्व सालाना 500 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त में इसमें तेज उछाल देखने को मिला है और सितंबर में यह और बढ़ सकता है।
सेहत पर उठे सवाल
इस बीच, अमेरिकी मनोवैज्ञानिकों ने डोनाल्ड ट्रंप की मानसिक स्थिति पर चिंता जताई है। मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. हैरी सेगल और डॉ. जॉन गार्टनर ने दावा किया है कि ट्रंप में दुर्लभ फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह विकार व्यक्ति के व्यवहार, भाषा और मोटर क्षमताओं को प्रभावित करता है और समय के साथ गंभीर होता जाता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप के सार्वजनिक भाषणों, हावभाव और शारीरिक संतुलन में लगातार गिरावट देखी जा रही है। गार्टनर ने अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि उस दौरान ट्रंप का चलना लड़खड़ाता हुआ प्रतीत हो रहा था। उन्होंने आशंका जताई कि ट्रंप की मानसिक सक्रियता धीरे-धीरे क्षीण हो रही है।