अमेरिकी दवा कंपनी ने डायबिटीज और मोटापे पर नियंत्रण में मददगार अपनी दवा (टिर्जेपेटाइड) को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 2.5 मिलीग्राम की प्रति शीशी के लिए 3,500 रुपये और 5 मिलीग्राम की प्रति शीशी के लिए 4,375 रुपये है। डॉक्टरों की बताई खुराक के आधार पर मरीजों को हर माह 14,000 रुपये से 17,500 रुपये खर्च करने होंगे। आमतौर पर यह दवा सप्ताह में एक बार ली जाती है। इसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से मंजूरी के बाद जारी किया गया है।
कंपनी ने कहा, यह अपनी तरह का पहला ऐसा उपचार है जो अधिक वजन और टाइप-2 डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए जीआईपी (ग्लूकोज-निर्भर इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड) और जीएलपी-1 (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1) हार्मोन रिसेप्टर्स दोनों को सक्रिय करता है। भारतीय बाजार में यह दवा ऐसे समय पर लॉन्च की गई है, जब हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया था। कंपनी एली लिली इंडिया के अध्यक्ष और महाप्रबंधक विंसलो टकर ने कहा कि भारत में मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज का दोहरा बोझ ने एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। मोटापा वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में से एक है, जिसे कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का कारण माना जाता रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनियाभर में मोटापाग्रस्त शीर्ष तीन देशों में से एक है। यहां की 70 फीसदी से अधिक की आबादी अधिक वजन या मोटापा का शिकार हो सकती है। इतना ही नहीं भारतीय महिलाओं में मोटापे की दर 1990 में 1.2% से बढ़कर 2022 में 9.8% और पुरुषों के लिए 0.5% से बढ़कर 2022 में 5.4% हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बढ़ती मोटापे की स्थिति का स्वस्थ्य क्षेत्र पर गंभीर असर हो सकता है।





