भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022 में जारी किए गए थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक, इन दिशानिर्देशों में टीवी प्रसारण सेवाओं के लिए नियम और शर्तें शामिल हैं। इससे जुड़े ताजा घटनाक्रम में ट्राई ने ग्राउंड-आधारित प्रसारकों के लिए नए नियामक ढांचे का प्रस्ताव रखा है। नए नियामक ढांचे के तहत टीवी प्रसारक अब अपने टेलीविजन चैनलों को स्थलीय रूप से वितरण प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों (डीपीओ) को भी उपलब्ध करा सकेंगे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिफारिश की है कि जीबीबी का दायरा वितरण प्लेटफार्म ऑपरेटरों (डीपीओ) को स्थलीय संचार माध्यम का उपयोग करके टेलीविजन चैनल उपलब्ध कराना होना चाहिए। टीवी सेवा प्रदाता तकनीकी प्रगति का पूरी तरह से लाभ उठा सकें, इस मकसद से ट्राई ने ‘ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स’ (GGB) के लिए बुधवार को विनियामक ढांचा’ पेश किया। ट्राई की तरफ से पेश इस परामर्श में कहा गया है कि जीबीबी को इस बात के लिए सक्षम बनाया जाना चाहिए कि वे स्थलीय संचार माध्यम का उपयोग करके वितरण प्लेटफार्म ऑपरेटरों (डीपीओ) को दोबारा प्रसारण के लिए टेलीविजन चैनल उपलब्ध करा सकें।
ट्राई की सिफारिशों के बाद अब स्थलीय संचार प्रौद्योगिकी जैसे वायरलाइन (केबल/फाइबर) या वायरलेस (सेलुलर/माइक्रोवेव/वाई-फाई)/इंटरनेट/क्लाउड का इस्तेमाल कर स्थलीय रूप से प्रसारित चैनलों को एक साथ कई डीपीओ नेटवर्क पर ले जाया जा सकेगा। इसकी मदद से कार्यक्रमों का दोबारा प्रसारण किया जा सकेगा।