वॉशिंगटन। अमेरिका की राजनीति में स्वतंत्र वोटर (Independent Voters) को चुनावी समीकरण का सबसे अहम आधार माना जाता है। लेकिन ताजा रुझानों से संकेत मिल रहे हैं कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन वोटरों से लगातार दूरी बना रहे हैं। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता में गिरावट दर्ज हो रही है और रिपब्लिकन पार्टी को आगामी मिडटर्म चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आकलन है कि पार्टी को कम से कम 15 सीटों का झटका लग सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि स्वतंत्र वोटर ट्रंप की नीतियों और उनके विवादित बयानों से असहज महसूस कर रहे हैं। विशेषकर, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठाने और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव परिणामों को स्वीकार न करने की उनकी जिद ने इस वर्ग को उनसे दूर कर दिया है। महिलाओं और युवाओं के बीच भी उनकी स्वीकार्यता में कमी आई है।
हाल ही में किए गए कई सर्वेक्षणों से पता चला है कि स्वतंत्र वोटरों का एक बड़ा हिस्सा डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर झुक रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर डेमोक्रेट्स के एजेंडे को उन्हें ज्यादा व्यावहारिक और संतुलित माना जा रहा है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी अभी भी ट्रंप के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाई है, जिसके कारण पार्टी को व्यापक समर्थन जुटाने में मुश्किल आ रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह रुझान मिडटर्म तक जारी रहा, तो रिपब्लिकन पार्टी के लिए कांग्रेस में बहुमत हासिल करना कठिन हो जाएगा। सीटों की संभावित कमी से न केवल पार्टी की रणनीति प्रभावित होगी बल्कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के समीकरण भी बदल सकते हैं।
अमेरिकी राजनीति पर नज़र रखने वाले विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ट्रंप की लोकप्रियता में गिरावट का सीधा असर उनकी पार्टी की जमीनी ताकत पर पड़ रहा है। रिपब्लिकन उम्मीदवार कई राज्यों में डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वियों से पीछे चल रहे हैं और पार्टी के अंदर भी नए नेतृत्व की मांग धीरे-धीरे मुखर होती जा रही है।