अमेरिका के 19 राज्यों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। राज्यों की तरफ से ये मुकदमा राष्ट्रपति ट्रंप के उस फैसले के खिलाफ किया गया है कि, जिसमें स्कूलों से कहा गया था कि वे विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) से जुड़े कार्यक्रमों को बंद करें, वरना उनकी फंडिंग रोक दी जाएगी। बता दें कि ये मामला बीते 3 अप्रैल का है, जब अमेरिकी शिक्षा विभाग ने सभी राज्यों से कहा था कि वे यह प्रमाणित करें कि उनके स्कूल अवैध डीईआई नीतियों को नहीं अपना रहे हैं। इसके लिए 24 अप्रैल तक स्कूलों से दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया। राज्यों द्वारा मैसाचुसेट्स में दायर इस मुकदमे में ट्रंप प्रशासन के इस आदेश को गैरकानूनी बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन का यह आदेश गैरकानूनी और असंवैधानिक है। मुकदमे में यह भी कहा गया कि यह आदेश स्कूलों और छात्रों के हितों के खिलाफ है, खासकर उन बच्चों के, जो पहले से ही शिक्षा में पीछे हैं या विशेष जरूरतों वाले हैं। हालांकि, जिन 19 राज्यों ने मुकदमा दायर किया है, उन्होंने साफ कहा है कि वे अपने पुराने कानूनों और नीतियों पर कायम रहेंगे, जो छात्रों को सुरक्षित और सम्मानित माहौल देने के लिए बनाए गए हैं। इसके साथ ही मुकदमे में यह भी आरोप है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम देश भर में 13.8 अरब डॉलर की शिक्षा फंडिंग को खतरे में डाल रहा है, जिसमें विकलांग बच्चों के लिए मिलने वाली राशि भी शामिल है। इस मामले से जुड़े तीन अन्य मुकदमों में भी कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की गाइडलाइंस पर सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा है कि ये नीतियां इतनी अस्पष्ट हैं कि स्कूल और शिक्षक समझ ही नहीं पा रहे कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं।
वहीं इस मामले में मैसाचुसेट्स की अटॉर्नी जनरल एंड्रिया जॉय कैंपबेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि डीईआई पहलें पूरी तरह कानूनी हैं और बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन की धमकियां हमारे स्कूलों और बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाली हैं।