वॉशिंगटन। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दिवाली का भव्य आयोजन किया, जिसमें अमेरिकी राजनेताओं, दूतावास प्रतिनिधियों और उद्योग जगत के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर ट्रंप ने भारत और भारतीय समुदाय के प्रति अपनी मित्रता व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “अच्छा दोस्त” बताते हुए विशेष स्नेह जताया।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस बालरूम को दिवाली की झिलमिलाती रोशनी और पारंपरिक सजावट से सजाया। समारोह में विशेष रूप से भारतीय संस्कृति और परंपरा को महत्व दिया गया। इस अवसर पर अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय ने रंग-बिरंगे दीपक, पूजा सामग्री और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से त्योहार का उत्सव मनाया।
ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत दोस्ताना और रणनीतिक संबंध हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “अच्छा दोस्त और रणनीतिक साझेदार” बताया। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही वैश्विक आर्थिक और सुरक्षा मंचों पर मिलकर काम कर सकते हैं।
इस अवसर पर ट्रंप ने एक बार फिर भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस से तेल खरीदते हैं, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ती दरों पर तेल उपलब्ध कराता है। ट्रंप के इस बयान ने भारत की विदेश नीति और ऊर्जा सुरक्षा पर राजनीतिक बहस को फिर से उभार दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिका के चुनावी मंच से आई है, लेकिन भारत में इसे राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से गंभीरता से देखा गया। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस बयान का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर पारदर्शिता की कमी और विदेश नीति पर सवाल उठाए। वहीं, भाजपा ने इसे भारत के राष्ट्रीय हित में लिया गया निर्णय बताते हुए खारिज किया।
ट्रंप द्वारा दिवाली का आयोजन केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह अमेरिका और भारतीय समुदाय के बीच मित्रता और सहयोग को प्रदर्शित करने का अवसर भी था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम द्विपक्षीय रिश्तों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में मदद करते हैं।
ट्रंप का दिवाली समारोह और प्रधानमंत्री मोदी को दोस्त बताना, साथ ही रूस से तेल खरीद पर उनकी टिप्पणी, अमेरिका-भारत संबंधों और भारत की ऊर्जा नीति दोनों पर असर डालने वाला मामला बन गया है। इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक महत्व रखा, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक बहस को भी फिर से सक्रिय कर दिया।