अमेरिका रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए अपना हर संभव प्रयास कर रहा है। हालांकि ट्रंप इस युद्ध से जुड़े अपने फायदे को भी भलीभांति जानते है। इसी बीच रूस-यूक्रेन युद्ध मामले में पूर्व अमेरिकी दूत कर्ट वोल्कर का बयान सामने आया है। जहां उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि यूक्रेन के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए रूस को रोकना होगा, लेकिन वह यह भी चाहते हैं कि यूक्रेन, अमेरिका द्वारा दी गई मदद के बदले पैसे चुकाए।विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के प्रमुख विशेषज्ञ वोल्कर ने कहा कि चीन एक उभरती हुई शक्ति है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक सीधा विरोधी बनकर सामने आ रहा है, जबकि भारत एक उभरती हुई शक्ति है, जो साझा मूल्यों के आधार पर अमेरिका का मित्र राष्ट्र बन सकता है। वोल्कर के अनुसार, ट्रंप व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद करते हैं, लेकिन उनका लेन-देन का तरीका अलग है, और इससे उनके फैसलों में कोई कमी नहीं आती।उन्होंने यह भी बताया कि रूस और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों के बीच बुधवार को हुई बैठक में यह बात उठी कि ट्रंप के लिए युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को रोकना बेहद ज़रूरी है, और वह चाहते हैं कि यूक्रेन अमेरिका द्वारा दी गई मदद के लिए पैसे चुकाए। यह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में था, जिसमें सऊदी अरब में अमेरिका और रूस के बीच बैठक में रूस के साथ संबंध सुधारने पर भी चर्चा की गई।
वोल्कर के मुताबिक, ट्रंप ने अपनी विदेश नीति में एक बड़ा बदलाव किया है। वह अमेरिका को सबसे पहले रखने के लिए अमेरिका की ताकत को पुनर्निर्मित करना चाहते हैं, जो एक बहुत मुखर विदेश नीति में बदल चुकी है। इसके साथ ही, वह संघीय संस्थानों के बजट और आकार में कटौती करके डीप स्टेट के खिलाफ भी काम कर रहे हैं। ट्रंप का यह भी मानना है कि अमेरिका दुनिया के लिए बहुत कुछ कर रहा है, लेकिन दूसरे देशों ने इसका फायदा उठाया है।
वोल्कर ने कहा कि ट्रंप की रणनीति यह है कि वह जानबूझकर अनिश्चितता पैदा करते हैं और लोगों को उत्तेजक बयान देकर चौंकाना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि अमेरिका ने बहुत कुछ किया है, लेकिन इसका फायदा नाटो देशों के जैसे अन्य देशों ने उठाया है, जहां अमेरिका 70 प्रतिशत रक्षा खर्च वहन कर रहा है।