अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) को समाप्त करने से कोलंबिया में मानवीय सहायता, ब्राजील में संरक्षण प्रयास और पेरू में कोका उन्मूलन जैसे प्रयासों को बड़ा झटका लगेगा। ये सभी दक्षिण अमेरिकी देश अमेरिका से सहायता पाने वाले प्रमुख देश रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 90 दिन के बाद यूएसएड को खत्म करने का निर्देश दिया है। इसके बाद कुछ विदेशी मदद के बावजूद इन दक्षिण अमेरिकी देशों में जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता व अल्पसंख्यक और महिला अधिकार से जुड़ी परियोजनाओं के ठप होने का डर है। ट्रंप ने परियोजनाओं को वैचारिक बताते हुए मजाक उड़ाया था।कोलंबिया लंबे समय से दक्षिण अमेरिका में अमेरिकी विदेशी सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता रहा है। हाल ही में यूएसएड के पैसे से 28 लाख से अधिक वेनेजुएलावासियों को आपातकालीन मानवीय सहायता मिली थी। अकेले 2024 में, एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम को लगभग 4.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए थे।इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के बोगोटा स्थित सलाहकार ब्रैम एबस के मुताबिक ट्रंप के इस फैसले का सबसे अधिक असर लैटिन अमेरिका की सबसे कमजोर आबादी पर पड़ेगा। इसमें वेनेजुएला के लाखों प्रवासी और शरणार्थी शामिल हैं। दरअसल ट्रंप के फैसले से इन लोगों की आवश्यक देखभाल, मार्गदर्शन और भोजन देने वाले संगठनों के पास पैसों की किल्लत हो जाएगी। इसमें बड़ा खतरा यह भी है कि प्रवासी आबादी को संगठित अपराध और सशस्त्र समूहों की ओर से निशाना बनाया जाता है।





