अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते महीने स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। अब बुधवार से वह आदेश लागू हो गया है। ट्रंप ने कहा है कि उनके इस आदेश से अमेरिका में निवेश आएगा और रोजगार बढ़ेंगे। हालांकि ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले के बाद से अमेरिका समेत पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। इससे आर्थिक मंदी का खतरा भी पैदा हो गया है। ट्रंप ने मंगलवार को बिजनेस राउंडटेबल में सीईओ की बैठक के दौरान कहा कि उनके टैरिफ लगाने के फैसले से दुनियाभर की कंपनियां अमेरिका में निवेश करने के लिए मजबूर होंगी। साथ ही देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। टैरिफ के चलते शेयर बाजार में आई गिरावट को नजरअंदाज करते हुए ट्रंप ने कहा कि ज्यादा टैरिफ लगाने के फैसले से अमेरिका को फायदा होगा। मंगलवार को ट्रंप ने कनाडा से आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। दरअसल कनाडा के ओंटारियो प्रांत ने अमेरिकी राज्यों मिशिगन, मिनेसोटा और न्यूयॉर्क को सप्लाई की जाने वाली बिजली पर 25 प्रतिशत अधिभार लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में जब ओंटारियो ने अपना फैसला बदला तो ट्रंप ने भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की ही बात की। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान साल 2018 में भी स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में बातचीत के बाद ट्रंप ने अपना फैसला रोक दिया था।
ट्रंप के स्टील और एल्युमीनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले का सबसे ज्यादा असर कनाडा और मेक्सिको पर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका अपनी जरूरत का सबसे ज्यादा स्टील कनाडा से ही मंगाता है। अमेरिकको स्टील या इसके उत्पादों का निर्यात करने वाले देशों में कनाडा, ब्राजील, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया और जापान शीर्ष देश हैं। जाहिर है कि अब 25 प्रतिशत टैरिफ के फैसले का असर भी इन देशों पर होगा। अमेरिका को एल्युमीनियम और इसके उत्पादों का सबसे ज्यादा निर्यात भी कनाडा द्वारा ही किया जाता है। साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, चीन, द. कोरिया, बहरीन, अर्जेंटीना और भारत भी अमेरिका को एल्युमीनियम के उत्पादों का निर्यात करते हैं। ऐसे में इन देशों पर भी ट्रंप के फैसले का असर होगा।