भारत में अब नए अमेरिकी वीजा के लिए अपॉइंटमेंट पाने के लिए आवेदकों को एक साल से भी अधिक इंतजार करना पड़ रहा है। महामारी के बाद से अपॉइंटमेंट में देरी एक बड़ी समस्या रही है, लेकिन मुताबिक पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में वीजा श्रेणियों में प्रतीक्षा अवधि अब 2026 के अंत तक पहुंच गई है।
दरअसल, जो भारतीय आवेदक काम के सिलसिले में तत्काल वीजा चाहते हैं, वे अब थाईलैंड या सिंगापुर जाकर जल्दी अपॉइंटमेंट हासिल कर रहे हैं। ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि वीजा रिजेक्शन की दर बढ़ी है और जांच भी ज्यादा सख्त हो गई है। इस बीच, ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में छात्र वीजै इंटरव्यू को अस्थायी रूप से रोकने के फैसले ने भारतीय छात्रों को असमंजस में डाल दिया है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सपनों को ट्रंप प्रशासन की अप्रत्याशित और सख्त नीतियों ने झकझोर दिया है। डर, असुरक्षा और अस्थिरता ने छात्रों को न केवल पढ़ाई से भटका दिया है बल्कि उनके भविष्य की योजनाएं भी बदल दी हैं।
प्रेसिडेंट्स एलायंस ऑन हायर एजुकेशन एंड इमिग्रेशन की अध्यक्ष एवं सीईओ मिरियम फेल्डब्लम ने कहा कि अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण दाखिला सत्र के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा इंटरव्यू स्थगित करने का फैसला अत्यंत चिंताजनक है। इससे प्रक्रिया में गंभीर देरी होगी। यह कदम न केवल मौजूदा प्रणाली में अवरोध उत्पन्न करता है, बल्कि छात्रों और विश्वविद्यालयों दोनों के लिए भारी अनिश्चितता भी खड़ी करता है। हम विदेश विभाग से आग्रह करते हैं कि वे इस रोक को तुरंत समाप्त करें, वीजा इंटरव्यू शेड्यूलिंग फिर से शुरू करें, यह पुष्टि करें कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत करता है, और ऐसी नीतियों को प्राथमिकता दें जो अमेरिका की घरेलू और वैश्विक प्रतिभा पाइपलाइन को बढ़ाएं, हमारी वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा और नवाचार में नेतृत्व को मजबूत करें।
एम.एम. एडवाइजरी सर्विसेज की संस्थापक एवं निदेशक मारिया माथाई कहती है कि भारतीय छात्र अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह हैं, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें सबसे ज्यादा असर महसूस हो रहा है। यह अनिश्चितता सिर्फ उन छात्रों को प्रभावित नहीं कर रही जो पहले से कैंपस में हैं, बल्कि उन हजारों छात्रों को भी जो इस सितंबर से पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
वीजा अपॉइंटमेंट फ्रीज: कांसुलर सेक्शंस को निर्देश दिया गया है कि वे एफ, एम, या जे वीजा के लिए कोई नया अपॉइंटमेंट न जोड़ें। इसका मतलब है कि छात्र या एक्सचेंज विजिटर वीजा इंटरव्यू के लिए अतिरिक्त स्लॉट तब तक उपलब्ध नहीं होंगे जब तक आगे कोई सूचना नहीं दी जाती।
समय की समस्या: कई अंतरराष्ट्रीय छात्र खासकर जो अगस्त या सितंबर में अपने प्रोग्राम शुरू करते हैं आमतौर पर मई से जुलाई के बीच वीजा के लिए आवेदन करते हैं, इसलिए इस फ्रीज की वजह से वीजा जारी होने में देरी हो सकती है या समय पर वीजा नहीं मिल पाएगा। मथाई कहती है कि वीजा अपॉइंटमेंट्स रुके होने के कारण, बहुत से छात्र समय पर वहां पहुंच भी नहीं पाएंगे। जिन छात्रों ने वर्षों मेहनत करके अमेरिका की शीर्ष यूनिवर्सिटीज़ में दाखिला पाया है, उनके लिए डर सिर्फ जल्दी घर भेजे जाने का नहीं है बल्कि यह भी है कि कहीं आइवी लीग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं अपनी अंतरराष्ट्रीय साख न खो दें। ऐसा पहली बार हो रहा है। जिन परिवारों ने इसमें 2-3 करोड़ रुपये का निवेश किया है, उनके लिए अब यह जोखिम इनाम से कहीं बड़ा महसूस हो रहा है।
कोर्स शुरू होने का खतरा: वीजा के बिना छात्र अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकते, और कई विश्वविद्यालय टर्म की शुरुआत में भौतिक उपस्थिति की मांग करते हैं। इससे कुछ छात्र अपनी शुरुआत की तारीख चूक सकते हैं। साथ ही प्रवेश स्थगित करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। उद्यमी और रामदर्शन पब्लिक स्कूल के निदेशक शुभ अग्रवाल कहते हैं कि इस रोक ने हज़ारों छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में बाधा डाली है। जिन छात्रों ने वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय दाख़िले के लिए मेहनत की थी, वे अचानक अनिश्चितता में फंस गए हैं। इससे न केवल तनाव और आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि उन अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर भी असर पड़ता है जो भारतीय प्रतिभा और ट्यूशन फीस पर निर्भर हैं।”
अनिश्चितता: इस फ्रीज की अवधि स्पष्ट नहीं की गई है, केवल इतना बताया गया है कि आगे का मार्गदर्शन एक “सेप्टेल” (अलग टेलीग्राम) के माध्यम से आएगा। इससे छात्रों और विश्वविद्यालयों दोनों के लिए योजना बनाना मुश्किल हो गया है।
अपॉइंटमेंट मिस किया तो 120 दिन की बैन अवधि, सिर्फ एक बार ही रीशेड्यूलिंग की अनुमति अमेरिका वीजा आवेदकों के लिए एक अहम बदलाव सामने आया है। मई 2025 से, अगर कोई आवेदक अपने तय समय पर वीजा अपॉइंटमेंट (इंटरव्यू या इंटरव्यू-वेवर) पर हाज़िर नहीं होता, तो उसे अगले 120 दिनों तक दोबारा अपॉइंटमेंट बुक करने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही, 1 जनवरी 2025 से लागू एक अन्य बदलाव के तहत, अपॉइंटमेंट अब केवल एक बार ही रीशेड्यूल किया जा सकता है, जबकि पहले दो बार तक इसकी अनुमति थी। उद्यमी शुभ अग्रवाल कहते हैं कि ये कड़े नियम सबसे ज़्यादा वास्तविक आवेदकों को नुकसान पहुंचाते हैं। बीमारी, आपातकाल या यात्रा जैसी परिस्थितियों में एक अपॉइंटमेंट छूटने पर उन्हें चार महीने का झटका लग सकता है। पहले से ही तनावपूर्ण प्रक्रिया को यह और कठोर बना देता है, खासकर छात्रों और पेशेवरों के लिए जिनकी योजनाएं समयबद्ध होती हैं।
मार्च में X पर एक पोस्ट में, यूएस दूतावास, भारत ने बताया कि भारत में उनके कांसुलर विभाग ने लगभग 2,000 वीजा अपॉइंटमेंट्स जो बॉट्स द्वारा बनाए गए थे, रद्द कर दिए हैं। मई में एक अपडेट में उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग उन ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों, कार्यकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठा रहा है, जो जानबूझकर अवैध रूप से अमेरिका में अप्रवासन में मदद कर रहे हैं। इन एजेंसियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।