ब्राजील और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के बीच राजनयिक तनाव और गहराता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्राजील पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के बाद, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने दो टूक शब्दों में ट्रंप की पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बात करने के बजाय ब्रिक्स देशों के नेताओं से संपर्क करेंगे।
ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लूला ने कहा, “मैं ट्रंप को फोन नहीं करूंगा, क्योंकि वह बात नहीं करना चाहते। लेकिन मैं शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करूंगा। पुतिन को फोन नहीं करूंगा क्योंकि वह यात्रा नहीं कर सकते, लेकिन मैं कई राष्ट्राध्यक्षों से बात करूंगा।” लूला ने कहा कि ब्राजील अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों का सहारा लेगा।
ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने की घोषणा को लूला ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास का “सबसे खेदजनक क्षण” बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्राजील समान शर्तों और परस्पर सम्मान के आधार पर अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन एकतरफा दबाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
लूला ने कहा कि उनकी सरकार पहले से ही ब्रिक्स साझेदारों और अन्य मित्र देशों के साथ व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर 2025 में ब्राजील के पारा प्रांत के बेलेम शहर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30) के लिए वह ट्रंप को आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें फोन करूंगा और जलवायु परिवर्तन पर उनकी राय जानने की कोशिश करूंगा। अगर वे आना नहीं चाहें, तो यह उनका फैसला होगा।”
ब्राजील की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट संकेत देती है कि देश अब बहुपक्षीय मंचों पर अपने हितों की रक्षा के लिए ज्यादा सक्रिय और आत्मनिर्भर कूटनीति को प्राथमिकता दे रहा है, साथ ही ब्रिक्स जैसे मंचों की भूमिका को और मजबूती देने की कोशिश कर रहा है।