अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आयात शुल्क को 50% तक बढ़ाने का ऐलान किया है—25% सामान्य टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि अतिरिक्त 25% शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर
- टेक्सटाइल: भारत के कपड़ा निर्यात का 28% हिस्सा अमेरिका को जाता है, जिसकी वार्षिक कीमत 3 अरब डॉलर से अधिक है। वियतनाम, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देशों की कम टैरिफ दर के कारण प्रतिस्पर्धा में नुकसान की आशंका।
- रत्न-आभूषण: अमेरिका को 12 अरब डॉलर का निर्यात; नए शुल्क से 50% तक गिरावट की आशंका।
- कृषि उत्पाद: मरीन उत्पाद, मसाले, चावल, आयुष व हर्बल उत्पाद, फल-सब्जियां—6 अरब डॉलर के निर्यात पर असर, खासकर सीफूड इंडस्ट्री को बड़ा झटका।
- अन्य: चमड़ा-फुटवियर (18 अरब डॉलर), केमिकल (2.34 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक व मशीनरी (9 अरब डॉलर) के निर्यात पर भी असर संभव।
बेअसर या कम प्रभावित सेक्टर
- इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन, लैपटॉप, सर्वर, टैबलेट जैसे उत्पादों पर फिलहाल टैरिफ लागू नहीं।
- फार्मा:5 अरब डॉलर के निर्यात में न्यूनतम प्रभाव; फिलहाल टैरिफ के दायरे से बाहर।
विशेषज्ञों की राय
- किशोर ओस्तवाल (CNI InfoXchange): स्मार्टफोन और फार्मा जैसे सेक्टर सुरक्षित; 50-55% निर्यात पर बड़ा असर नहीं। लेकिन अमेरिका में महंगाई बढ़ने और देशों के वैकल्पिक व्यापार समझौतों की ओर मुड़ने की आशंका।
- अजय केडिया (Kedia Securities): टैरिफ से भारतीय निर्यात, खासकर रत्न-आभूषण में, 50% तक गिरावट संभव; अमेरिका के लिए विकल्प ढूंढना मुश्किल, जिससे वहां महंगाई बढ़ेगी।