टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए मोदी सरकार ने सभी सांसदों को मुहिम में शामिल किया है। एक जनवरी से प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में निक्षय शिविर लगाए जाएंगे, जिन्हें फरवरी में होने वाले बजट सत्र से पहले पूरा करना होगा। इस दौरान, सांसद के क्षेत्र में निक्षय वाहन घूमेगा, जो ऑन द स्पॉट टीबी के संदिग्ध मामलों की जांच करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीबी के खिलाफ इस अभियान के तहत 33 राज्यों के 347 जिलों में 1.50 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों तक स्वास्थ्य टीमें पहुंचेगी और मरीजों की पहचान के साथ ही लोगों को इस संक्रामक बीमारी के प्रति जागरूक करेगीं। मंत्रालय के मुताबिक प्रत्येक सांसद को इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी है। साथ ही, टीबी मरीजों और उनके परिवारों को गोद लेने के लिए उद्योगों, कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों को निक्षय मित्र बनाने में सहयोग लिया जाएगा। वहीं, एक से 15 जनवरी के बीच ग्राम प्रधान या फिर वार्ड अध्यक्ष स्थानीय स्वास्थ्य टीम के साथ अपने क्षेत्र में अभियान चलाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है, 15 फरवरी से पांच अप्रैल के बीच सीबीएसई सहित तमाम बोर्ड परीक्षाएं होंगी। ऐसे में युवाओं को अभियान का हिस्सा बनाने के लिए 16 से 24 जनवरी के बीच कार्यक्रम करें, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आ सके। कक्षा आठवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों और कॉलेज के छात्रों को इसमें शामिल किया जाए। इसके अलावा, 15 से 28 फरवरी के बीच जब दिल्ली में बजट सत्र चल रहा होगा, तब टीबी से बचाव के प्रचार प्रसार के लिए सूचना विभाग के साथ मिलकर सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करें।