टिहरी गढ़वाल: लगातार हो रही झमाझम बारिश से टिहरी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मानसून की सक्रियता के कारण पिछले कुछ दिनों में झील में भारी मात्रा में पानी जमा हो गया है। जलविद्युत परियोजना अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा हालात देखते हुए आने वाले दिनों में झील अपनी अधिकतम क्षमता तक भर जाएगी।
टिहरी बांध देश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में शामिल है। यह न केवल बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि गढ़वाल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक को पेयजल और सिंचाई जल उपलब्ध कराता है। मानसून की बारिश से झील का लबालब होना किसानों और आम लोगों के लिए राहत की खबर है। पर्याप्त जल भंडारण से आगामी महीनों में सिंचाई और जल आपूर्ति सुचारु बनी रहेगी।
बांध प्रबंधन की ओर से बताया गया कि झील में लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है। स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर सुरक्षा मानकों के तहत अतिरिक्त पानी छोड़ा भी जा सकता है ताकि नीचे बहने वाले क्षेत्रों में खतरे की स्थिति न बने।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मानसून के दौरान टिहरी झील का नजारा बेहद मनमोहक हो जाता है। पानी से लबालब झील न केवल पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण बढ़ाती है, बल्कि आसपास के इलाकों में हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य भी और निखर उठता है। बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचकर झील और आसपास की वादियों की खूबसूरती का आनंद ले रहे हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अधिक वर्षा की स्थिति में बांध प्रबंधन को सतर्क रहना होगा। अचानक बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने से नीचे के इलाकों में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसीलिए प्रशासन ने संबंधित जिलों को अलर्ट पर रखा है।
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ना जहां बिजली उत्पादन और जल आपूर्ति के लिहाज से शुभ संकेत है, वहीं सुरक्षा और प्रबंधन की चुनौती भी उतनी ही बड़ी है।