फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है जिसमें न्यायालय द्वारा गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स(एनटीएफ) की सिफारिशों के लागू होने तक डॉक्टरों के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग की गई है। फेडरेशन ने एनटीएफ में रेजिडेंट डॉक्टर के एक प्रतिनिधि को शामिल करने की भी मांग की है। फेडरेशन के आवेदन में कहा गया है कि डॉक्टरों को बार-बार हिंसा की घटनाओं का सामना करना पड़ा है। डॉक्टर मृतक मरीज के परिवार के सदस्यों से मिलते समय अपनी जान जोखिम में डालते हैं। इसलिए डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कानून को लागू किया जाना भी आवश्यक है। आवेदन में अस्पताल और छात्रावास के प्रवेश और निकास द्वार तथा गलियारे क्षेत्रों सहित सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी अस्वास्थ्यकर हालात में काम करने के लिए मजबूर हैं। सुरक्षित कार्य वातावरण का अभाव उनके काम करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसमें कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों का अनुपालन करने की भी मांग की गई है। आरजी कर अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने कलकत्ता हाईकोर्ट से पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की है। जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने अली का याचिका दायर करने की अनुमति दी है। अली का कहना है कि घोष ने अपने कार्यकाल के दौरान भारी वित्तीय गड़बड़ियां की हैं जिसकी ईडी से जांच कराई जानी चाहिए। अली का यह भी दावा है कि उन्होंने 2023 में घोष के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।