Sunday, September 8, 2024

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टाटा ट्रस्ट रोकेगा गांवों से पलायन

टाटा ट्रस्ट उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों खासकर सीमांत इलाकों से पलायन रोकने के लिए काम करेगा। साथ ही युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने, हेल्थ केयर सेक्टर, ग्रामीण आजीविका समेत कई क्षेत्रों में कार्य करेगा। यह जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट के साथ सोमवार को हुई एक बैठक के सिलसिले में दी। मुख्य सचिव ने बताया कि टाटा ट्रस्ट राज्य में टेलीमेडिसिन, महिलाओं बच्चों के कुपोषण से बचाव, बालिकाओं की शिक्षा, आंगनबाड़ी वर्कर्स के क्षमता विकास प्रशिक्षण, स्मार्ट कलासेज, मानसिक स्वास्थ्य नशा मुक्ति जैसे क्षेत्रों में भी कार्य करेगा। उत्तराखंड के युवाओं के लिए मुंबई सहित देश के विभिन्न स्थानों में टाटा ग्रुप के स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट में कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था का आग्रह किया गया। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद के हेल्थ एनालिसिस की बात कही गई जिसके तहत प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं, बुनियादी चिकित्सा ढांचे, स्टाफ, प्रशिक्षण आदि की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। बैठक में टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य में हेल्थ रिकॉर्ड की डिजिटलाइजेशन में सहयोग पर सहमति दी गई। मुख्य सचिव ने टाटा ट्रस्ट से राज्य के दूरस्थ स्थानों की आबादी को आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाएं देने प्राइमरी सेकेंडरी हेल्थ केयर सेवाओं की मजबूती के लिए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने महिलाओं बच्चों को कुपोषण एनीमिया से बचाने, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षा को मजबूत कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और ग्रामीण क्षेत्रों खासकर सीमांत गांवों से पलायन रोकने के लिए ग्रामीण आजीविका की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि टाटा ट्रस्ट से कौनकौन से क्षेत्रों में सहायता ली जा सकती हैं, इसकी रिपोर्ट अगली बैठक तक तैयार रखी जाए। बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य के 13 जिलों की कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 13 टॉपर बालिकाओं को आर्थिक अनुदान की कार्ययोजना की बात कही गई।

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