Friday, November 21, 2025

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झारखंड–पश्चिम बंगाल में ED की सघन कार्रवाई: 40 ठिकानों पर कोयला माफिया की धरपकड़

रांची/कोलकाता, विशेष संवाददाता। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला चोरी एवं तस्करी के बड़े रैकेट के खिलाफ एक संयुक्त अभियान शुरू किया है। इस अभियान में दो दिन में लगभग 40 परिसरों पर छापेमारी की गई है, जिसमें दोनों राज्यों में कोयला माफिया के कथित ठिकानों को निशाना बनाया गया है।

 

कार्रवाई का दायरा और प्रमुख नाम

  • झारखंड में छापेमारी: ED के रांची क्षेत्रीय कार्यालय ने झारखंड में 18 स्थानों पर रेड चलाई है।
  • जांच के दायरे में माफिया के कथित रूप से जुड़े नामों में अनिल गोयल, संजय उद्योग, एलबी सिंह, और अमर मंडल शामिल हैं।
  • अधिकारियों के मुताबिक, इन व्यक्तियों पर कोयले की नाजायज़ चोरी और बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप है, जिससे सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है।
  • छापेमारी में ऐसे परिसरों को भी कवर किया गया है, जो नरेंद्र खड़का, युधिष्ठिर घोष, कृष्णा मुरारी कयाल समेत अन्य संदिग्धों से संबद्ध बताए जा रहे हैं।

 

बंगाल में parallel कार्रवाई

  • ED ने पश्चिम बंगाल में भी 24 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया है।
  • यह कार्रवाई विशेष रूप से दुर्गापुर, पुरुलिया, हुगली और कोलकाता जिलों में की गई है।
  • बंगाल में रैकेट का आरोप अवैध कोयला खनन, तस्करी, और भंडारण से जुड़ा है।
  • इस अभियान का उद्देश्य न केवल स्थानीय माफिया गिरोहों को बेनकाब करना है, बल्कि कोयले के अवांछित प्रवाह को रोकना भी बताया जा रहा है।

 

क्या है मकसद और असर

  • अधिकारियों का कहना है कि यह संयुक्त कार्रवाई झारखंड और बंगाल में कोयला तस्करी नेटवर्क को शक्ति से हिला देने की कोशिश है।
  • यह कदम उन बड़े प्लेयरों पर केंद्रित है जो कोयले की अवैध आपूर्ति की कमर तोड़कर राज्य और केंद्र की राजस्व हानि में योगदान दे रहे हैं।
  • ED द्वारा ऐसे परिसरों पर रेड करने से, न सिर्फ तस्करी के नेटवर्क की तह तक जांच होगी, बल्कि आगे भी ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने की दिशा में न्यायिक और प्रशासनिक दबाव बनेगा।

 

आगे की उम्मीदें

  • ED की जांच आगे बढ़ने पर, मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और कोयले से जुड़े वित्तीय अपराधों के अन्य पहलू भी सामने आ सकते हैं।
  • साथ ही, इस कार्रवाई से कोयला सेक्टर में वैधानिक खनन और परिवहन व्यवस्था की वैधता को बढ़ावा मिल सकता है।
  • राज्य सरकारों और केंद्र को अब यह देखना होगा कि इस कार्रवाई के बाद कोयला बाजार में पारदर्शिता कैसे लायी जाए और भविष्य में ऐसी अवैध गतिविधियों पर कैसे रोका जाए।

 

यह ED की कार्रवाई न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि यह साफ संकेत देती है कि कोयला माफिया के खिलाफ कानून द्वारा एक संगठित और निर्णायक मोर्चा खोला गया है।

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