लगातार झमाझम बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर नियंत्रण में रखने के लिए टीएचडीसी ने झील के ऊपरी हिस्से में बने दो अनगेटेड सॉफ्ट स्पिल-वे से पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। सुबह और शाम को झील से करीब एक हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि दिन के समय 448 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
फिलहाल टिहरी बांध और पीएसपी परियोजना के साथ कोटेश्वर बांध से कुल 1086 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
झील 823 मीटर स्तर तक पहुंची
42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी झील को 830 मीटर तक भरने की अनुमति है। सोमवार तक झील का जलस्तर 822.98 आरएल (रीवर लेवल) दर्ज किया गया है। यानी क्षमता से अब भी 7.02 मीटर पानी कम है। लक्ष्य है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह तक झील पूरी क्षमता (830 मीटर) तक भर जाए।
पानी का प्रवाह और स्थिति
टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एल.पी. जोशी ने बताया कि झील में फिलहाल कुल 913.13 क्यूमेक्स पानी आ रहा है। इसमें 316.13 क्यूमेक्स पानी भागीरथी नदी से, 386 क्यूमेक्स भिलंगना से और 211 क्यूमेक्स पानी सहायक नदियों से मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि सुबह और शाम को करीब एक हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। दिन में यह मात्रा 448 क्यूमेक्स रहती है। अधिक बारिश की संभावना को देखते हुए एहतियातन यह व्यवस्था की गई है।
खतरे की कोई आशंका नहीं
अधिकारियों के अनुसार झील से एक हजार क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने से किसी तरह के खतरे की स्थिति नहीं है। वर्तमान स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।