अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कहे जाने पर यूरोप और यूक्रेन में खासी नाराजगी देखी जा रही है। इस बयान के बाद जेलेंस्की ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर दुनिया को चेताया है, उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने अब दो ही विकल्प हैं—या तो वे पुतिन के साथ खड़े हों या शांति के साथ।बुधवार को अपने वीडियो संबोधन में वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘भविष्य पुतिन के साथ नहीं, बल्कि शांति के साथ है। यह पूरी दुनिया के लिए एक चुनाव है—या तो वे पुतिन के साथ होंगे या शांति के साथ। हमें शांति को चुनना चाहिए।’ वोलोडिमिर जेलेंस्की ने यह भी कहा कि वे गुरुवार को अमेरिकी दूत कीथ केलॉग से मुलाकात करेंगे और अमेरिका के साथ सकारात्मक सहयोग की उम्मीद रखते हैं। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने जेलेंस्की को अपना समर्थन दिया और कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण चुनाव नहीं कराना पूरी तरह से उचित है। उन्होंने आगे कहा, ‘युद्ध के दौरान चुनाव न कराने का फैसला यूक्रेन का लोकतांत्रिक अधिकार है, जैसे ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय किया था।’ स्टार्मर ने यह भी कहा कि अमेरिका और यूरोप को एकजुट होकर यूक्रेन के समर्थन में काम करना चाहिए।
इधर जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी को ‘गलत और खतरनाक’ बताया। उन्होंने कहा, ‘जेलेंस्की यूक्रेन के लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति हैं। युद्ध के दौरान चुनाव न कराना यूक्रेन के संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा है।’ वहीं जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने ट्रंप के बयान को बेतुका करार दिया और कहा कि असली तानाशाही रूस और बेलारूस में देखी जा सकती है, न कि यूक्रेन में।
वहीं इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के पहले दिन से ही इसे खत्म करना चाहता था, लेकिन वो ऐसी शांति चाहता है जिससे रूस भविष्य में दोबारा हमला न कर सके। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि रूस फिर कभी यूक्रेन पर हमला न करे, हमारे लोग कैद से वापस आएं और हमारे देश का भविष्य सुरक्षित रहे।’