Thursday, September 19, 2024

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जेलेंस्की को पुतिन बोलने पर घिरे बाइडन को मिला नाटो सदस्यों का साथ

अमेरिका में इस सा नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। इस बीच राष्ट्रपति बाइडन एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर आ गए. दरअसल, अमेरिका में नाॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी जुबान फिसल गई, जिस वजह से उनकी आलोचना होने लगी। दरअसल, बाइडन अक्सर अपने स्वास्थ्य को लेकर और जुबान फिसलने के कारण आलोचकों के निशाने पर रहते हैं। नाटो शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वह दूसरी बार भी अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर पद संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस सम्मेलन में सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को राष्ट्रपति पुतिन कह गए। बाइडन ने अपनी गलती के बाद तुरंत खुद को सुधारा और इसे इस गलती को छिपाने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, मैं पुतिन से बेहतर हूं। राष्ट्रपति बाइडन की इस गलती के बाद फिर से उनकी मानसिक क्षमता और बढ़ती उम्र पर सवाल खड़े हो गए हैं और नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि, किसी भी नेता ने बाइडन की क्षमता पर खुले तौर पर सवाल नहीं उठाया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने बताया कि उन्होंने व्हाइट हाउस में नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज पर राष्ट्रपति बाइडन से बात की। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा एक ऐसे राष्ट्रपति को देखा है जो प्रभारी होता है। वह उन मुद्दों पर स्पष्ट होता है, जिसे वह समझता है।” जर्मन चांसलर ओलफ स्कोल्ज ने भी बताया कि बाइडन ने हमारे साझा गटबंधन के लिए नेतृत्व दिखाया। उन्होंने कहा, “जुबान फिसल जाती है। ऐसा होता है। अगर आप किसी पर पर्याप्त नजर रखते हैं तो आप काफी कुछ हासिल करते हैं।”  ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, “बाइडन के खिलाफ बढ़ती उम्र का आरोप गुमराह करने वाला है।” स्टार्मर ने बताया कि उन्होंने जो बाइडन से बातचीत की थी। एक घंटे तक चली यह बैठक अपेक्षा से अधिक थी। फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब ने कहा, “चुनाव से पहले हमेशा उथल पुथल होती है। मुझे अमेरिका के मौजुदा राष्ट्रपति की क्षमता को लेकर कोई चिंता नहीं है। मुझे केवल इस बात की चिंता है कि अमेरिका में इस समय राजनीतिक माहौल बहुत जहरीला है। यह नीतियों पर बहस के लिए स्थान नहीं देता है।”

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