भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने के लिए बिहार के युवा नेता नितिन नवीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो जेपी नड्डा की सफल राह पर एक नया कदम माना जा रहा है। यह फैसला बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लिया गया, जिसमें नड्डा के कार्यकाल की तर्ज पर युवा और ऊर्जावान नेतृत्व को बढ़ावा देने का निर्णय हुआ। नितिन नवीन, जो बिहार के पश्चिम चंपारण से राज्यसभा सांसद हैं, अब पार्टी के आंतरिक संचालन और चुनावी तैयारियों की कमान संभालेंगे।
नितिन नवीन की नियुक्ति का मुख्य कारण उनकी संगठनात्मक क्षमता और युवा चेहरे के रूप में अपील है, जो नड्डा ने 2019 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले दिखाई थी। नवीन ने बिहार में बीजेपी की ग्रासरूट मजबूनी की है, जहां उन्होंने 2020 विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार गठबंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 2026 बिहार चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है, क्योंकि नड्डा की तरह नवीन भी आक्रामक प्रचार और डिजिटल रणनीति में माहिर हैं। उनकी नियुक्ति से पूर्वोत्तर और बिहार जैसे राज्यों में पार्टी का विस्तार तेज होगा।
जेपी नड्डा ने नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि ‘नितिन नवीन संगठन को नई गति देंगे, ठीक वैसे ही जैसे हमने राष्ट्रीय स्तर पर किया’। नवीन ने धन्यवाद देते हुए कहा कि वे नड्डा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे और 3 करोड़ नए सदस्यों का लक्ष्य हासिल करेंगे। विपक्षी दलों ने इसे ‘परिवारवाद’ का आरोप लगाया, लेकिन बीजेपी ने इसे संगठनिक लोकतंत्र का प्रतीक बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आरएसएस के समर्थन से लिया गया है, जो युवा नेताओं को प्राथमिकता दे रहा है।
यह नियुक्ति बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले आई है, जहां आने वाले चुनावों पर फोकस होगा। नितिन नवीन अब सुधांशु त्रिवेदी और अन्य के साथ मिलकर पार्टी की रणनीति बनाएंगे। इससे संगठन में नई ऊर्जा का संचार होगा।





