उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बेहतर प्रदर्शन के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर बहुमत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने कमान संभाल ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता निर्दलीय विजयी सदस्यों का समर्थन जुटाने में जुटे हैं।
2019 की तुलना में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन कई जिलों में बेहतर रहा है और भाजपा से कड़ा मुकाबला देखने को मिला। अब पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता जिलों में बैठकों के ज़रिए रणनीति तय कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जिलों से संभावित प्रत्याशियों का पैनल प्रदेश कांग्रेस को भेजा गया है और वरिष्ठ नेताओं की सहमति के बाद अंतिम नाम घोषित किए जाएंगे। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों से भी अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए संपर्क किया जा रहा है।
पंचायत चुनाव नतीजों के बाद भाजपा ने जिलों में बहुमत के लिए बढ़ाई सक्रियता
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणामों के बाद सत्तारूढ़ भाजपा ने अब जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर बहुमत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी न सिर्फ अपने समर्थित विजयी प्रत्याशियों को एकजुट कर रही है, बल्कि निर्दलीय विजेताओं को भी समर्थन के लिए साधने में जुटी है।
सोमवार को उत्तरकाशी के 20 जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इससे पहले रुद्रप्रयाग के प्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं।
जैसे-जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, भाजपा ने सभी 12 जिलों में वर्चस्व कायम करने के लिए रणनीति तेज कर दी है। मुख्यमंत्री आवास में लगातार पार्टी नेताओं और निर्वाचित सदस्यों के बीच बैठकें हो रही हैं।
देहरादून, हरिद्वार समेत कई जिलों में विशेष रणनीति के तहत समर्थन जुटाने की कोशिशें चल रही हैं। इसके लिए मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।