जापान के पश्चिमी तट पर सोमवार को आए 7.5 तीव्रता के भीषण भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। शक्तिशाली झटकों के कारण इमारतें हिल गईं, सड़कें फट गईं और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, अब तक कम से कम 33 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और प्रभावित इलाकों में आपातकालीन टीमें तैनात की गई हैं।
भूकंप के बाद तटीय क्षेत्रों में लगभग दो फुट ऊंची सुनामी की लहरें दर्ज की गईं। समुद्र में अचानक आए उबाल से लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। अधिकारियों ने संभावित खतरे को देखते हुए तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी। हालांकि, कुछ घंटों बाद स्थिति आंशिक रूप से स्थिर हुई और सुनामी चेतावनी को धीरे-धीरे कम किया गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि भूकंप के केंद्र के आसपास कई भवनों में दरारें आई हैं और कुछ पुरानी संरचनाएँ क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई जगह सड़कें धंसने की खबरें भी मिली हैं। रेलवे सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है और प्रभावित क्षेत्रों में उड़ानों को भी पुनर्निर्देशित किया गया है। प्रशासन ने बताया कि प्राथमिक लक्ष्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और घायल नागरिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता पहुँचाना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्थिति की मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की है। सरकार ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर आत्मरक्षा बलों (Self-Defense Forces) को भी राहत कार्यों में शामिल किया जाएगा। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि इतने शक्तिशाली भूकंप के बाद आफ्टरशॉक का खतरा बना रहता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जापान दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील देशों में से एक है, और इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर व्यापक अवसंरचनात्मक तैयारी की परीक्षा ले ली है। राहत कार्य जारी हैं और प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि आने वाले घंटों में स्थिति और अधिक नियंत्रण में आ जाएगी।





