वैज्ञानिकों के एक समूह ने मंगलवार को चेतावनी दी की दुनिया विनाश की ओर बढ़ रही है और ‘डूम्सडे क्लॉक’ मिडनाइट (रात के 12 बजे) से केवल 89 सेकंड दूर है। यह अब तक का सबसे करीब का समय है। यह घड़ी दिखाती है कि दुनिया खत्म होने के कितने करीब है। ‘बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ ने वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन, परमाणु हथियारों का फैलाव, पश्चिम-एशिया में अस्थिरता, महामारी का खतरा और सैन्य कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग जैसी समस्याएं दुनिया के लिए गंभीर खतरे हैं। बीते दो वर्षों से ‘डूम्सडे क्लॉक’ मिडनाइट से 90 सेकंड दूर थी। लेकिन अब यह और भी करीब पहुंच गई है। इस समूह के साइंस एंड सिक्योरिटी बोर्ड के चेयरमैन डैनियल होल्ज ने कहा, अब जब दुनिया इस कगार पर खड़ी है, तो हमें और ज्यादा खतरों की ओर नहीं बढ़ना चाहिए। होल्ज ने कहा, उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे देशों के बीच परमाणु कार्यक्रमों पर सहयोग को लेकर चिंताएं हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात की है। उन्होंने कहा, इस तरह की बयानबाजी बहुत चिंताजनक है। यह इस तरह की बढ़ती हुई भावना है कि कोई राष्ट्र आखिरकार परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। यह भयावह है।
यह समूह 1947 के शुरुआत से डूम्सडे क्लॉक का उपयोग दुनिया के अंत होने के संभावित खतरे को दिखाने के लिए करता आया है। शीत युद्ध के अंत के बाद यह घड़ी मिडनाइट से 17 मिनट दूर थी। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक खतरों को देखते हुए यह समूह ने इस घड़ी के समय सेकंड में गिन रहा है। समूह ने यह भी कहा कि अगर देशों और नेताओं ने मिलकर मौजूदा खतरों का समाधान किया, तो घड़ी का समय फिर से पीछे किया जा सकता है।