Sunday, December 22, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान को लगाई फटकार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने  एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) को लेकर अहम टिप्पणी की है। विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस)  आगे नहीं बढ़ रहा है और पिछले कुछ साल में इसकी बैठकें भी नहीं हुई हैं क्योंकि इस क्षेत्रीय समूह का एक सदस्य सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दे रहा है।विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना यह टिप्पणी की है। जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब वह इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इसी महीने पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले हैं। 2016 के बाद से दक्षेस बहुत प्रभावी नहीं रहा है। दक्षेस देशों की आखिरी बैठक 2014 में काठमांडू में हुई थी। इसके बाद से इसका कोई द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। जयशंकर ने आगे कहा कि, फिलहाल दक्षेस में शामिल देश आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इसकी कोई बैठक भी नहीं हुई है। इसकी एक सीधी सी वजह है कि इसका एक सदस्य दक्षेस में शामिल कई देशों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।

जयशंकर ने कहा,  आतंकवाद ऐसी चीज है जो अस्वीकार्य है और वैश्विक दृष्टिकोण के बावजूद, यदि हमारा कोई पड़ोसी आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है, तो उस पर रोक लगाई जानी चाहिए। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में दक्षेस की कोई बैठक नहीं हुई है। यदि आप सभी एक साथ बैठ रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं और एक देश आंतकवाद फैला रहा है तो यह सभी देशों के लिए चुनौती है। जयशंकर ने कहा कि, चूंकि सार्क बैठकें नहीं हुई हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि क्षेत्रीय गतिविधियां बंद हो गई हैं। पिछले पांच-छह वर्षों में हमने भारतीय उपमहाद्वीप में भारत के विभाजन के बाद से कहीं अधिक क्षेत्रीय एकीकरण देखा है। जयशंकर ने क्षेत्रीय प्रगति में भारत की भागीदारी की अहमियत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, यदि आज बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका पर नजर डाले तो आप देखेंगे कि सड़कें फिर से बनाई जा रही है। जल के रास्ते परिवाहन बढ़ा है। मैं वास्तव में कहूंगा कि पड़ोस में जो कुछ भी हो रहा है, वह भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति के कारण हो रहा है। दक्षेस एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।

Popular Articles