जम्मू संभाग में लगातार तीसरे दिन मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। मंगलवार को माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के अर्धकुंवारी क्षेत्र में भूस्खलन और डोडा जिले में बादल फटने से अब तक 30 श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की जान चली गई, जबकि 22 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
रियासी जिले के एसएसपी परमवीर सिंह ने बताया कि भारी वर्षा के चलते कटड़ा के पास हुए भूस्खलन में नौ श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, डोडा जिले में बादल फटने से चार लोगों की जान गई। इसके अलावा जम्मू के चनैनी नाला में एक कार बह गई, जिसमें सवार तीन श्रद्धालु लापता हो गए। इनमें से दो राजस्थान के धौलपुर और एक आगरा का निवासी बताया जा रहा है।
लगातार हो रही बारिश से जम्मू संभाग की सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जम्मू का देश से सड़क और रेल संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है। तवी, चिनाब और उज्ज नदी समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भगवतीनगर पुल की एक लेन धंस गई है, जबकि तवी नदी पर बने अन्य पुलों पर आवाजाही बंद कर दी गई है। कठुआ और सांबा के पास भी पुल टूटने से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया।
भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार रात नौ बजे के बाद लोगों के घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी थी। जम्मू संभाग के सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार को बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की टीम कटड़ा भेजी गई है और हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में बाढ़ नियंत्रण उपायों की समीक्षा की और अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने हादसे के बाद यात्रा को बुधवार दोपहर डेढ़ बजे तक स्थगित कर दिया है।
नारायणा अस्पताल में भर्ती घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, सेना के जवानों ने सांबा में गुज्जर समुदाय के सात लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई।
जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख रमेश कुमार ने कहा कि अगले 40 घंटों तक क्षेत्र में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।