देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार गंभीर होता जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में भालुओं के हमलों में तेजी से इजाफा दर्ज किया गया है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 25 वर्षों में राज्यभर में भालुओं द्वारा 2081 लोगों पर हमले किए गए, जिनमें कई लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हुए। स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह स्थिति अब भय और असुरक्षा का बड़ा कारण बन चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में आहार की कमी, प्राकृतिक आवास में लगातार गिरावट और मानव विस्तार की वजह से भालू भोजन की तलाश में गांवों के करीब पहुंच रहे हैं। फलदार पेड़ों की कटाई, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों और निर्माण कार्यों के कारण भालुओं के प्राकृतिक मार्ग बाधित हुए हैं। मजबूर होकर वे मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं और अक्सर खेतों और घरों के आसपास मिलने वाले खाद्य पदार्थों पर निर्भर हो रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय तो भालू घरों के आंगन तक पहुंच जाते हैं, वहीं दिन में भी उनके दिखने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कई मामलों में खेतों में काम कर रहे लोगों पर अचानक हमला कर देने से गंभीर चोटों और मौत के मामले सामने आए हैं। इससे गांवों में दहशत का माहौल है और लोग शाम होने के बाद घरों से निकलने में कतराने लगे हैं।
वन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि समस्या बढ़ रही है और इसे रोकने के लिए प्रभावी उपायों की जरूरत है। उन्होंने बताया कि भालू संवेदनशील वन्यजीव वर्ग में आते हैं, इसलिए संरक्षण के साथ मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती है। विभाग ने कई संवेदनशील क्षेत्रों में पिंजरे और निगरानी दल तैनात किए हैं। साथ ही, ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि भालुओं के करीब जाने या उन्हें उकसाने जैसी स्थितियों से बचा जा सके।
वन्यजीव विशेषज्ञों का सुझाव है कि पहाड़ी क्षेत्रों में फलों और प्राकृतिक खाद्य स्रोतों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ गांवों के आसपास सुरक्षा उपायों, जैसे सोलर फेंसिंग और अलर्ट सिस्टम, को मजबूत किया जाए। इसके अलावा, हमले की घटनाओं में पीड़ितों को मुआवजे की प्रक्रिया को भी और अधिक सरल व त्वरित बनाने की मांग उठ रही है।
गौरतलब है कि राज्य में भालुओं से जुड़े कई मामले लगातार सुर्खियों में रहे हैं। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो मानव और वन्यजीव दोनों के लिए खतरा और भी बढ़ सकता है।





