देहरादून में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीआईटी यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है। ईडी ने उन्हें दस दिनों के भीतर कार्यालय में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। यह कार्रवाई 2012 से 2016 के बीच एससी/एसटी छात्रवृत्ति राशि के कथित दुरुपयोग की जांच का हिस्सा है, जिसमें करोड़ों रुपये की राशि गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने के आरोप हैं।
हरिद्वार में दर्ज एफआईआर के आधार पर चल रही जांच में समाज कल्याण विभाग की भूमिका भी परखी जा रही है। इससे पहले भी ईडी ने कई शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की है, जिनमें वर्धमान एजुकेशनल सोसाइटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना और देहरादून व हरिद्वार में कथित अपराध की कमाई से जुड़ी संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच करना शामिल है।
ईडी की यह कार्रवाई बढ़ती जांच का हिस्सा है, जिसमें कई संस्थानों और व्यक्तियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो चेयरमैन को गंभीर कानूनी असर का सामना करना पड़ सकता है और यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर भी बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। यह मामला सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को एक बार फिर सामने लाता है, ताकि वंचित छात्रों तक सहायता सही रूप में पहुंच सके।





