पाकिस्तान के हाल ही के चुनावों में राजनीतिक स्थिति में कई बदलाव हुए हैं और यह राजनीतिक दलों के बीच नई संभावनाओं को उत्पन्न कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन की वापसी और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा कई फैसलों की पुनरावलोकन की मांग की जा रही है।
चुनाव आयोग द्वारा एसआईसी को आरक्षित सीटों की मांग को अस्वीकार करने से, नवाज शरीफ की पार्टी को बड़ा फायदा हुआ है, जिससे उसकी पार्टी ने नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी राजनीतिक दल बना लिया है।
पीएमएल-एन के लिए एक चुनौती यह होगी कि वह अपने संघर्षों के बावजूद एक साथ आए और एक गठबंधन सरकार बनाएं, या फिर एक मिनॉरिटी सरकार चलाने के लिए समर्थन ढूंढें।
इसके साथ ही, पीएमएल-एन को अपनी दशा को मजबूत करने के लिए एक विश्वसनीय और स्थिर सरकारी नीतियों को अपनाने की आवश्यकता है ताकि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और लोगों की जीवनशैली में सुधार हो सके।