लोकसभा चुनावों में पूर्ण जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए इस बार कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भी चुनाव आयोग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा। कैट से जुड़े करीब 48000 व्यापारिक संगठन, जिनके साथ नौ करोड़ से अधिक छोटे-बड़े कारोबारी काम कर रहे हैं, वे लोकसभा चुनाव में अपने सक्रिय सहयोग के द्वारा वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए व्यापारियों के सहयोग की पेशकश पर कैट ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र भेजा है। इसमें व्यापारी संगठनों के सक्रिय सहयोग द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने में सहयोग देने की पेशकश की गई है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया, दिल्ली में 3500 तो देश भर में लगभग 48 हजार से अधिक व्यापारी संगठन कार्य कर रहे हैं। ये संगठन, देश भर में लगभग 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देश के घरेलू व्यापार में लगभग 25 करोड़ लोग प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाते हैं। इस बड़े नेटवर्क की पहुंच देश के हर हिस्से तक है। यह व्यापारिक समुदाय, देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी वजह से कैट ने चुनाव आयोग को, व्यापारियों के सहयोग का प्रस्ताव दिया है।
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा, देश भर में व्यापारी समुदाय का एक व्यापक नेटवर्क और प्रभाव है। यह बात सभी लोग जानते हैं कि देश के 140 करोड़ लोगों की जरुरतों का प्रथम संपर्क व्यापारियों की दुकानें ही हैं। इस नाते से देश के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों का सीधा संपर्क देश के हर राज्य में प्रत्येक व्यक्ति से होता है। व्यापारियों और ग्राहकों के बीच अच्छे संबंध होने की वजह से उनके द्वारा प्रोत्साहित किए गए किसी भी अभियान का व्यापक असर होता है। इस बड़े नेटवर्क का लाभ उठाते हुए कैट ने चुनाव आयोग के सहयोग से जनता को जागरूक करने, सूचनात्मक सामग्री प्रसारित करने और उन्हें मतदान के अधिकार प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने की मंशा जताई है। इसी कारण चुनाव आयोग को पत्र भेजा गया है।