राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) के नियमों को अधिसूचित करने के केंद्र के फैसले की निंदा की।उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम संसदीय लोकतंत्र पर हमले के समान है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए, पवार ने सीएए अधिसूचना को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह नियम अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से ठीक पहले आये हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले इस तरह का निर्णय संसदीय लोकतंत्र पर हमला है। हम इसकी निंदा करते हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि सीएए इसलिए लागू किया जा रहा है क्योंकि सत्तारूढ़ सरकार को एहसास है कि लोकसभा चुनाव से पहले उसके पक्ष में कोई समर्थन लहर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘राम मंदिर का उद्घाटन किया गया लेकिन समर्थन की अपेक्षित लहर नहीं देखी गई। अब, वे सीएए अधिसूचना जारी करके एक और लहर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। कभी-कभी, वे हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर लोगों का ध्रुवीकरण करने की भी कोशिश करते हैं।’ राउत ने दावा किया, ‘केंद्र सरकार चाहे कितने भी सांप्रदायिक या अन्य प्रकार के तनाव पैदा कर ले, नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।’