Saturday, September 21, 2024

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चीन से मुकाबले के लिए भारत-अमेरिका को मिलकर काम करने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। इस दौरे में क्वाड शिखर सम्मेलन, राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक और नैसो स्टेडियम में भारतीय समुदाय के सामने संबोधन शामिल है। क्वाड बैठक में चीन एक प्रमुख मुद्दा होगा। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के सामरिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि चीन निश्चित रूप से शिखर सम्मेलन के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा। वहीं, बैठक से पहले भारतीय मूल के सांसद श्री थानेदार ने कहा कि भारत और अमेरिका को मिलकर चीन का मुकाबला करना होगा।  श्री थानेदार ने कहा, “चीन बहुत आक्रामक होता जा रहा है और भारत व अमेरिका को मजबूत संबंध बनाने होंगे, चाहे वह प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो या रक्षा, विज्ञान या वाणिज्य में। हमें भारत के साथ एक मजबूत संबंध की जरूरत है। केवल एक मजबूत भारत-अमेरिकी संबंध ही चीन को आक्रामकता को रोक सकते हैं। पीएम मोदी की राष्ट्रपति बाइडन के साथ बहुत अच्छी केमिस्ट्री है। पीएम मोदी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी बहुत अच्छे संबंध हैं। वह एक करिश्माई नेता हैं और अमेरिका पीएम मोदी के नेतृत्व को महत्व देता है, जो उन्होंने भारत को दिया है।”             उन्होंने कहा, चीन का बौद्धित संपदा और तकनीकी नवाचार के प्रति कोई सम्मान नहीं है। चीन मानवाधिकारों का पालन नहीं करता और उसे आर्थिक मामलों में अनुचित लाभ हासिल है। इसलिए हमें, चीन की आक्रामकता को संतुलित करने की जरूरत है। जब भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे, तो यह बहुत आशाजनक होगा। मेरा मानना है कि राष्ट्रपति बाइडन पीएम मोदी को यह बताने वाले हैं कि चाहे वह रक्षा या प्रौद्योगिकी हो या एआई या औषधीय तकनीक हो, हर क्षेत्र में मजबूत सहयोग की जरूरत है। हमें एक-दूसरे की मदद करने और दोनों देशों के लिए लोगों के लाभ के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

मिशिनग के 13वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री थानेदार ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, इसका एक बड़ा हिस्सा आर्थिक सहयोग है। इन चार देशों को एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा। कोरोना महामारी के दौरान सभी जगह अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी, लेकिन अमेरिका ने जल्द ही इन समस्याओं से बाहर निकलने में सफलता पाई।

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