Sunday, December 22, 2024

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चीन-रूस जुगलबंदी से अमेरिका-यूरोपियन यूनियन चिंतित

अमेरिका और यूरोपीय संघ ने समुद्री क्षेत्र, ऊर्जा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी सहित वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत के साथ सहयोग के महत्व पर चर्चा की है। वहीं, चीन-रूस जुगलबंदी पर भी चिंता जताई। दरअसल, दो दिवसीय ‘चीन पर अमेरिका-यूरोपीय संघ वार्ता’ और ‘हिंद-प्रशांत पर अमेरिका-यूरोपीय संघ उच्च स्तरीय परामर्श’ की छठी बैठक में भारत पर चर्चा होनी थी, जो नौ और 10 सितंबर को हुई थी। इस बैठक का नेतृत्व अमेरिका की ओर से उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय बाह्य कार्रवाई सेवा (ईईएएस) के महासचिव स्टेफानो सन्निनो ने किया। 11 सितंबर को एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें वैश्विक चुनौतियों के बारे में बात की गई। बयान में कहा गया, ‘उन्होंने वैश्विक चुनौतियों (सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र, ऊर्जा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी) पर भारत के साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ की भागीदारी के महत्व पर चर्चा की। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने बांग्लादेश में नए घटनाक्रम पर भी बातचीत की।’ उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में जारी और बढ़ती हुई भागीदारी पर चर्चा की। इसमें छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के लिए समर्थन भी शामिल है।

बैठक के दौरान, कैंपबेल और सन्निनो ने चीन द्वारा बड़ी मात्रा में दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के मैदान में रूस द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुएं और प्रतिबंधों से बचने और उन्हें दरकिनार करने में चीन स्थित कंपनियों की निरंतर भागीदारी पर चिंता जताई। उन्होंने माना कि चीन द्वारा किए जा रहे समर्थन के कारण रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को जारी रखे हुए है, जो वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करता है।

उन्होंने अपनी उम्मीदों को दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में चीन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थन में कार्य करना चाहिए। साथ ही याद दिलाया कि यूक्रेन में कोई भी शांति प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए, जिसमें संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान शामिल हो। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के निरंतर प्रयासों के अनुरूप हो।

संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ने चीन के साथ संतुलित और निष्पक्ष आर्थिक संबंधों के महत्व को पहचाना और नियम-आधारित, स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यापार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा अपने श्रमिकों और कंपनियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की बात कही।

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