Saturday, December 20, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

चीन ने ‘रेयर अर्थ’ पर दी बड़ी ढील: वैश्विक सप्लाई चेन को मिलेगी राहत, भारत के लिए भी खुले अवसर

बीजिंग/नई दिल्ली। वैश्विक टेक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। दुनिया के सबसे बड़े ‘रेयर अर्थ’ उत्पादक देश चीन ने अपनी सख्त नीतियों में नरमी लाते हुए अपनी ‘खनिज तिजोरी’ खोल दी है। चीन ने इन दुर्लभ खनिजों के खनन और शोधन के लिए निर्धारित कोटा बढ़ा दिया है, जिसे भारत सहित पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

क्या हैं ‘रेयर अर्थ’ और क्यों हैं ये महत्वपूर्ण?

रेयर अर्थ 17 ऐसे खनिजों का समूह है, जो आधुनिक तकनीक की रीढ़ माने जाते हैं। इनके बिना स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), फाइटर जेट, और रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों का निर्माण लगभग असंभव है। वर्तमान में दुनिया के कुल रेयर अर्थ उत्पादन और प्रोसेसिंग पर चीन का 80% से अधिक कब्जा है।

दुनिया के लिए क्यों है यह अच्छी खबर?

  1. सप्लाई चेन में स्थिरता: पिछले कुछ समय से चीन और पश्चिम के बीच बढ़ते तनाव के कारण इन खनिजों की किल्लत का डर बना हुआ था। चीन द्वारा कोटा बढ़ाने से अब वैश्विक बाजारों में इन खनिजों की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें स्थिर होंगी।
  2. ग्रीन एनर्जी को रफ्तार: इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और विंड टर्बाइन बनाने के लिए इन खनिजों की भारी आवश्यकता होती है। चीन के इस कदम से वैश्विक ‘नेट जीरो’ लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
  3. कम होगी महंगाई: जब कच्चे माल की आपूर्ति आसान होती है, तो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और ईवी की निर्माण लागत कम होती है, जिसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलता है।

भारत के लिए क्या हैं इसके मायने?

भारत अपनी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘सेमीकंडक्टर मिशन’ के लिए बड़े पैमाने पर रेयर अर्थ खनिजों पर निर्भर है।

  • इलेक्ट्रॉनिक हब बनने में मदद: भारत तेजी से स्मार्टफोन और लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बन रहा है। चीन के इस फैसले से भारतीय कंपनियों को कच्चा माल आसानी से मिल सकेगा।
  • डिफेंस सेक्टर को मजबूती: रक्षा उपकरणों के निर्माण में इन खनिजों की कमी एक बड़ी बाधा थी, जो अब दूर हो सकती है।
  • रणनीतिक राहत: चीन द्वारा खनिज आपूर्ति को ‘हथियार’ के तौर पर इस्तेमाल करने का खतरा कम होने से भारत को अपनी सप्लाई चेन रणनीतियों को सुव्यवस्थित करने का समय मिल जाएगा।

एक्सपर्ट की राय

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि चीन ने अभी ढील दी है, लेकिन भारत और अन्य देशों को अपनी निर्भरता कम करने के लिए खुद के खनन और शोधन (Refining) प्लांट लगाने पर जोर देना जारी रखना चाहिए। चीन का यह फैसला फिलहाल वैश्विक अर्थव्यवस्था में छाई मंदी और मांग में कमी को देखते हुए लिया गया एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

Popular Articles