चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ पलटवार करते हुए अमेरिकी कृषि उत्पादों पर अतरिक्त शुल्क लगा दिया है। चीन ने चिकन, पोर्क, सोयाबीन और बीफ जैसे प्रमुख अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15% अतिरिक्त कर लगा दिया है। इसके बाद अमेरिकी बाजारों में गिरावट आई है क्योंकि निवेशक बढ़ते व्यापार तनावों के कारण घबराए हुए हैं और उन्होंने अपना पैसा कहीं और निवेश करना शुरू कर दिया है। बता दें कि यह कदम चीन ने 4 मार्च को अमेरिकी आयात पर शुल्क को 20% तक बढ़ाने के ट्रंप के फैसले के जवाब में उठाया है। चीन का वाणिज्य मंत्रालय पहले ही कह चुका था कि जो सामान पहले से चीन में आ चुका है, उस पर यह अतिरिक्त टैरिफ 12 अप्रैल तक लागू नहीं होगा। राष्ट्रपति पदभार संभालने के साथ ही ट्रंप टैरिफ को लेकर सक्रिय है। उनका मानना है कि आयात शुल्क (टैरिफ) अमेरिकी उद्योगों का बचाव करते हैं और इससे ट्रेजरी के लिए पैसा भी इकट्ठा हो सकता है। साथ ही उनके अनुसार, इससे विदेशी देशों पर दबाव बनता है ताकि वे प्रवासन और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी समस्याओं पर काम करें। अब ट्रंप ने 2018 में लगाए गए 25% स्टील टैरिफ पर से कुछ अपवाद हटाने की तैयारी की है। साथ ही एल्युमीनियम पर अपने शुल्क को 10% से बढ़ाकर 25% करने का भी ऐलान किया है। ट्रंप ने पिछले सप्ताह कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर भी टैरिफ लगाया था, हालांकि इन्हें 30 दिनों के लिए टाल दिया गया। देखा जाए तो इस प्रकार के व्यपारिक युद्ध अमेरिकी किसानों के लिए सिर का दर्द बनते रहें है। पहले, चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन 2020 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ, जिसके बाद चीनी वादे के अनुसार अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद में सुधार आया। 2022 में चीन से अमेरिकी कृषि उत्पादों का निर्यात 38 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड था, लेकिन 2023 में यह घटकर 29 बिलियन डॉलर हो गया और फिर पिछले साल यह और घटकर 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक, जनवरी 2024 में यह संख्या एक साल पहले के मुकाबले 56% कम हो गई थी।