टाइफून (चक्रवाती तूफान) बेबिन्का सोमवार की सुबह शंघाई से टकराया। यह कैटेगरी-1 का तूफान है और इतना खतरनाक तूफान बीते 75 वर्षों से चीन में नहीं आया है। बेबिन्का तूफान के चलते शंघाई में 151 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल रही है। हालात को देखते हुए शंघाई में सभी राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं और बस और रेल यातायात को बर्खास्त कर दिया गया है। सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे बेबिन्का तूफान शंघाई पहुंचा। इससे पहले साल 1949 में इतना शक्तिशाली तूफान आया था, जिसे टाइफून ग्लोरिया के नाम से जाना जाता है। शंघाई, जो चीन का व्यापारिक केंद्र माना जाता है, वहां खतरनाक तूफान आम तौर पर नहीं आते हैं। हालांकि चीन का दक्षिणी इलाका प्राकृतिक आपदाओं से जूझता रहता है। बीते हफ्ते ही चीन के दक्षिणी प्रांत हेन्नान में यागी तूफान आया था। कैटेगरी-4 के यागी तूफान ने चीन में भारी तबाही मचाई थी। चक्रवाती तूफान बेबिन्का के चलते शंघाई में बीते दो दिनों में सैंकड़ों फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं। साथ ही रेल यातायात भी बर्खास्त कर दिया गया है। चीन में इन दिनों त्योहारों की छुट्टियां चल रही हैं। ऐसे में सरकार ने लोगों से घरों के भीतर रहने की सलाह दी है। तूफान के चलते शंघाई के कई रिजॉर्ट, एम्यूजमेंट पार्क आदि पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। एयरपोर्ट्स पर बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने पर बड़ी संख्या में यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। साथ ही यात्रियों के खाने आदि की भी व्यवस्था की गई है।
हालात से निपटने के लिए हजारों की संख्या में राहत और बचाव कर्मी तैनात
चीन सरकार ने भी तूफान के हालात से निपटने के लिए तैयारी की हुई है। चीन ने शंघाई में हजारों की संख्या में राहत और बचाव कर्मियों की तैनाती की है और साथ ही कई जगहों पर राहत कैंप लगाए गए हैं, जहां आपात स्थिति में लोग शरण ले सकते हैं। इस साल यह चीन में आने वाला 13वां तूफान है। चीन के आपदा प्रबंधन विभाग ने चीन के अनहुई प्रांत में लेवल-4 की इमरजेंसी लागू की है। वहीं शंघाई और झेनजियांग में लेवल-3 का इमरजेंसी लागू की गई है। रविवार तक शंघाई में चार लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। शहर के सभी हाइवे एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। बस और फेरी सेवा भी कई जिलों में बर्खास्त कर दी गई है।