बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है। चिन्मय कृष्ण दास ने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की हुई है। चिन्मय दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान और राजद्रोह का मामला दर्ज है। चिन्मय कृष्ण दास बीते करीब दो महीने से जेल में बंद हैं। बांग्लादेश के चटगांव की निचली अदालत ने बीती 2 जनवरी को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद चिन्मय कृष्ण दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने उच्च न्यायालय का रुख किया। चिन्मय दास के वकील सोमवार को उसे अदालत में पेश करेंगे। चिन्मय कृष्ण दास को बीते साल 25 नवंबर को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। चटगांव की निचली अदालत में चिन्मय कृष्ण दास के वकीलों ने बताया कि हिंदू संत अपनी मां की तरह मातृभूमि का भी सम्मान करते हैं और वे गद्दार नहीं हैं। हालांकि चटगांव कोर्ट ने हिंदू संत को जमानत देने से इनकार कर दिया था। चिन्मय कृष्ण दास के वकील का कहना है कि चिन्मय दास अपनी हर रैली से पहले कहते हैं कि मां और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं। वकील ने कहा कि जिस ध्वज के अपमान के आरोप लग रहे हैं, वह बांग्लादेश का ध्वज नहीं था। गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद वहां अल्पसंख्यकों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। इन्हीं घटनाओं के विरोध में चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदा की थी।