लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा से पहले पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। चिदंबरम ने हालिया एक साक्षात्कार में सवाल उठाए कि “क्या यह प्रमाणित है कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान से आए थे?” उन्होंने आशंका जताई कि हमले में घरेलू आतंकी भी शामिल हो सकते हैं और एनआईए की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए।
भाजपा ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि चिदंबरम वही नेता हैं, जिन्होंने भगवा आतंक का झूठ फैलाया था और अब एक बार फिर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अक्सर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को बचाने की कोशिश करती है।
‘सरकार सच्चाई छिपा रही है’ — चिदंबरम
पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान को सरकार छिपा रही है। उन्होंने कहा, “ब्रिटेन ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपने नुकसान सार्वजनिक किए थे। भारत को भी पारदर्शिता दिखानी चाहिए।” साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री रैलियों में भाषण दे सकते हैं, तो संसद में क्यों नहीं बोल रहे?”
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस, प्रियंका चतुर्वेदी ने भी उठाए सवाल
इसी बीच संसद में शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सरकार से पूछे कि पहलगाम हमले में शामिल चारों आतंकी अब तक क्यों नहीं पकड़े गए? उन्होंने खुफिया विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर का भाषण हमले से पहले ही आ चुका था, फिर सतर्कता क्यों नहीं बरती गई?
चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा हमले के बाद लिए गए फैसले जैसे कि सिंधु जल संधि निलंबन, पाक मीडिया पर प्रतिबंध, द्विपक्षीय वार्ता रुकना आदि सही दिशा में थे, लेकिन उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठाया क्योंकि अब तक सभी आतंकी फरार हैं।
चतुर्वेदी ने चिदंबरम को भी आड़े हाथों लिया
प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस नेता चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत-पाक संबंधों के पिछले 70 सालों का इतिहास गवाह है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में ही हैं। ऐसे में सबूत मांगना दुर्भाग्यपूर्ण है, खासकर जब यह बात पूर्व गृहमंत्री कहें।”